सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय विद्यालय में प्रार्थना के खिलाफ दायर जनहित याचिका को संविधान पीठ के पास भेजा

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय विद्यालय में सुबह की प्रार्थना सभा में हिंदी और संस्कृत में प्रार्थना करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका को सुनवाई के लिए संविधान पीठ के पास भेज दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय विद्यालय में प्रार्थना के खिलाफ दायर जनहित याचिका को संविधान पीठ के पास भेजा

फाइल फोटो

खास बातें

  • SC में दो जजों की बेंच ने कहा मामले को संविधान पीठ को सुनना चाहिए
  • जस्टिस रोहिटन नरीमन की पीठ ने कहा-धार्मिक महत्व का मामला है
  • उचित बेंच के गठन के लिए चीफ जस्टिस के पास भेजा गया
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय विद्यालय में सुबह की प्रार्थना सभा में हिंदी और संस्कृत में प्रार्थना करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका को सुनवाई के लिए संविधान पीठ के पास भेज दिया है. याचिका पर सुनवाई करते हुए रही दो जजों की बेंच ने कहा है कि संविधान पीठ अब मामले की सुनवाई करेगी. साथ ही मामला चीफ जस्टिस के सामने भी रखा जाएगा. केंद्रीय विद्यालयों में संस्कृत और हिन्दी में प्रार्थना क्या हिन्दू धर्म का प्रचार है, इस पर सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की बेंच ने कहा कि इस मामले को संविधान पीठ को सुनना चाहिए. पीठ ने कहा कि यह धार्मिक महत्व का मसला है और दो जजों की पीठ ने उचित बेंच के गठन के लिए मामले को चीफ जस्टिस के पास भेज दिया है. इससे पहले केंद्रीय विद्यालयों में सुबह होने वाली प्रार्थना क्या हिंदुत्व को बढ़ावा है? सुप्रीम कोर्ट ने इसी सवाल को लेकर दायर पीआईएल पर केंद्र से जवाब तलब किया था.

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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और केंद्रीय विद्यालयों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा ये बडा गंभीर संवैधानिक मुद्दा, जिस पर विचार जरूरी है. दरअसल एक वकील ने याचिका दाखिल कर कहा है कि केंद्रीय विद्यालयों में 1964 से संस्कृत और हिंदी में सुबह की प्रार्थना हो रही है जो कि पूरी तरह असंवैधानिक है. ये संविधान के अनुच्छेद 25 और 28 के खिलाफ है और इसे इजाजत नहीं दी जा सकती है. 

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आर्टिकल 92 के मुताबिक, 'स्कूल में पढ़ाई की शुरुआत सुबह की प्रार्थना से होगी. सभी बच्चे, टीचर्स और प्रिंसिपल इस प्रार्थना में हिस्सा लेंगे.' इस आर्टिकल में केंद्रीय विद्यालयों में होने वाली सुबह की प्रार्थना की प्रक्रिया के बारे में बताया गया है.

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Video: केंद्रीय विद्यालयों में हिंदी में प्रार्थना क्या हिंदू धर्म का प्रचार है?