कोविड-19 महामारी की दो लहर गुजर जाने के बाद देश में बहुत हद तक चीजें सामान्य हो गई हैं. ठप पड़ी इंडस्ट्रीज़ वापस पटरी पर लौट रही हैं. स्कूल-कॉलेज भी आंशिक तौर पर खुलने लगे हैं. ऐसे में देश की सर्वोच्च्च न्याय संस्था सुप्रीम कोर्ट भी अब वापस नॉर्मल्सी की ओर लौटने की शुरुआत कर चुका है. गुरुवार यानी 21 अक्टूबर से सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर से फिजिकल सुनवाई की शुरुआत हुई. लॉकडाउन के बाद से ही सुप्रीम कोर्ट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामलों की सुनवाई कर रहा था. और आज की शुरुआत के साथ ही करीब 1 साल 7 महीने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जज और वकील फिजिकल सुनवाई करने के लिए आएंगे.
कोरोना काल के दौरान मार्च 2020 से सुप्रीम कोर्ट में फिजिकल सुनवाई बंद कर दी गई थी लेकिन अब फिर से फिजिकल सुनवाई शुरू कर दी गई है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में फिजिकल सुनवाई हफ्ते में केवल 2 दिन बुधवार और गुरुवार को ही की जाएगी. इसके लिए SOP भी तैयार की गई है. कोर्टरूम में वकीलों व अन्य की संख्या भी सीमित की गई है.
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के जज कई महीनों से सुप्रीम कोर्ट को वापस खोले जाने की इच्छा जता चुके थे. सुप्रीम कोर्ट, वर्चुअल कोर्ट सिस्टम (Virtual Court System) के चलते अपनी कार्यक्षमता पर पड़ रहे असर को लेकर खिन्नता का इजहार कर चुका है. कोर्ट ने इसी वर्ष जनवरी में कहा था कि इसके चलते उचित तरीके से कार्यवाही चलाने में काफी दिक्कतें आ रही हैं.
जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने 5 जनवरी 2021 के अपने एक आदेश में कहा था कि 'सुप्रीम कोर्ट में हमारे वर्चुअल कोर्ट सिस्टम में आ रही अक्षमताओं को लेकर हम अपनी परेशानी सामने रखना चाहते हैं, जबकि यहीं काम कर रही दिल्ली हाईकोर्ट के साथ ऐसी कोई समस्या नहीं आ रही है.'
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