सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई से आरटीआई के तहत बैंकों की वार्षिक निरीक्षण रिपोर्ट के बारे में सूचना का खुलासा करने का निर्देश दिया जब तक कि उन्हें कानून के तहत इससे छूट ना मिल जाए. कोर्ट ने आरबीआई को चेतावनी दी कि भविष्य में आरटीआई के किसी भी तरह के उल्लंघन को ‘‘गंभीरता'' से लिया जाएगा. साथ ही आरबीआई से आरटीआई के तहत सूचना के खुलासे पर अपनी नीति की समीक्षा करने के लिए कहा. जस्टिस एल. नागेश्वर राव तथा जस्टिस एम.आर. शाह की पीठ ने RBI को चेतावनी भी दी कि SC के आदेश की अब अवहेलना होने पर गंभीर अवमानना कार्यवाही की जाएगी. SC ने RBI से अपनी नॉन-डिस्क्लोज़र पॉलिसी को खारिज करने के लिए कहा है, जो कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करती है.
आरबीआई ने बैंकों से कहा, आईएलएंडएफएस को दिए कर्ज का खुलासा करें
पीठ ने कहा कि अगर आरबीआई ने आरटीआई के तहत सूचना देने से इनकार किया तो वह इसे गंभीरता से लेगी. पीठ ने कहा, ‘‘किसी भी तरह का उल्लंघन गंभीरता से लिया जाएगा.'' इस साल जनवरी में शीर्ष न्यायालय ने आरटीआई के तहत बैंकों की वार्षिक निरीक्षण रिपोर्ट का खुलासा ना करने के लिए आरबीआई को अवमानना नोटिस जारी किया था. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट और केंद्रीय सूचना आयोग ने कहा था कि आरबीआई तब तक पारदर्शिता कानून के तहत मांगी गई सूचना देने से इनकार नहीं कर सकता जब तक कि उसे कानून के तहत खुलासे से छूट ना प्राप्त हो. आरबीआई ने अपने बचाव में कहा था कि वह सूचना का खुलासा नहीं कर सकता क्योंकि बैंक की वार्षिक निरीक्षण रिपोर्ट में ‘‘न्यासीय'' जानकारी निहित है. पीठ आरबीआई के खिलाफ आरटीआई कार्यकर्ता एस सी अग्रवाल की अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
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