
नीट में अलग-अलग भाषाओं के अलग-अलग प्रश्नपत्रों के मुद्दे को लेकर गुजरात में विरोध प्रदर्शन किया गया था.
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सीबीएसई ने समान प्रश्नपत्र पर सहमति जताई
कोर्ट ने सीबीएसई से हलफनामा दाखिल करने को कहा
कोर्ट ने 7 मई को हुई परीक्षा को रद्द करने से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब परीक्षा में इतनी दिक्कतें आ रही हैं तो एक जैसे ही प्रश्नपत्र होने चाहिए. सीबीएसई ने इसके लिए सहमति जताई. कोर्ट ने सीबीएसई से हलफनामा दाखिल करके यह बताने के लिए कहा है कि वह भविष्य में कैसे एक प्रश्नपत्र के तहत परीक्षा कराएगा. हालांकि कोर्ट ने 7 मई को हुई परीक्षा को रद्द करने से इनकार कर दिया.
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सीबीएसई की दलील थी कि सभी भाषाओं के प्रश्नपत्रों में कठिनाई का स्तर एक जैसा था. कुल 11.58 लाख में से 1.2 लाख छात्रों ने ही दूसरी भाषाओं में पेपर दिए थे.
VIDEO : छात्र पहुंचे हाईकोर्ट में
एनजीओ संकल्प चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया है कि सात मई को हुई NEET की परीक्षा को रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि अलग-अलग भाषाओं में दिए गए टेस्ट पेपर में प्रश्न अलग-अलग रहे और यह नियमों के खिलाफ है.
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