सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना काल में मुकदमों की ऑनलाइन सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं द्वारा नियम-कायदों का पालन नहीं करने को लेकर नाराजगी जताई है. वर्चअल सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का नया नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि वकील और याचिकाकर्ता मोबाइल फोन के जरिए वर्चुअल सुनवाई से बचें. सभी वकील और व्यक्तिगत रूप से पेश पक्षकारों से अनुरोध किया गया है कि वे डेस्कटॉप या लैपटॉप के माध्यम से अदालत की सुनवाई में शामिल हों. उन्हें एक ही डिवाइस के माध्यम से शामिल होने के लिए कहा गया है. साथ ही उसमें सक्षम माइक्रोफोन और ऑडियो सिस्टम का उपयोग करने को कहा गया है.
दरअसल फोन पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में पेश होने वाले वकीलों से सुप्रीम कोर्ट नाराज हुआ था. सोमवार को कई वकील स्मार्ट फ़ोन पर चीफ जस्टिस की कोर्ट में पेश हुए जिसमें कोर्ट को वकील की शक्ल नहीं दिख रही थी सिर्फ आवाज आ रही थी. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस एनवी रमना ने पहले तो उनसे पूछा कि आप भी अपने मोबाइल से ही काम कर रहे हैं.
गौरतलब है कि इसी साल सुप्रीम कोर्ट के चार जज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. जबकि सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के 150 कर्मचारी या कोविड पॉजिटिव हैं या उन्हें क्वारंटाइन में रहने को कहा गया है. CJI जस्टिस एनवी रमना ने पिछले सप्ताह में मामलों की शारीरिक तौर पर सुनवाई पर रोक लगा दी है. उन्होंने कहा था कि, “ 4-6 हफ्ते कोर्ट रूम में सुनवाई संभव नहीं है.” दूसरी लहर की तरह जजों को अपने निवास कार्यालयों से ऑनलाइन सुनवाई में शामिल होने को कहा गया है. सुप्रीम कोर्ट के सूत्रों के मुताबिक जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की विदाई पार्टी के दौरान एक जज को बुखार हुआ था. बाद में उनका रिजल्ट कोविड पॉजिटिव आया था.
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