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This Article is From Oct 27, 2017

जजों की नियुक्तियों में हो रही देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जारी किया नोटिस

कोर्ट ने वकील आरपी लूथरा द्वारा दाखिल इस याचिका पर 14 नवंबर को अगली सुनवाई के दौरान AG केके वेणुगोपाल को कोर्ट में मौजूद रहने को कहा है.

जजों की नियुक्तियों में हो रही देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जारी किया नोटिस
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति को लेकर मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर (MOP) में हो रही देरी पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने वकील आरपी लूथरा द्वारा दाखिल इस याचिका पर 14 नवंबर को अगली सुनवाई के दौरान AG केके वेणुगोपाल को कोर्ट में मौजूद रहने को कहा है.

वरिष्ठ वकील के वी विश्वनाथन को एमिक्स क्यूरी बनाया है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो हाईकोर्ट की इस बात से सहमत है कि MOP ना होने की वजह से हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति को चुनौती देने में कोई आधार नहीं है. हालांकि कोर्ट ये जरूर देखेगा कि जनहित में MOP को तैयार होने में और देरी ना हो. 

कोर्ट ने कहा कि हालांकि इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने कोई समय सीमा नहीं दी थी लेकिन MOP को अनिश्चितकाल के लिए लटकाए नहीं रखा जा सकता है. ये आदेश 16 दिसंबर 2015 के थे और पहले ही एक साल 10 महीने बीत चुके हैं. 

बेंच ने यह भी कहा कि MOP को एक मैकेनिज्म देना चाहिए ताकि हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस की नियुक्तियों में देरी ना हो. कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि पद रिक्त होने से पहले ही कॉलिजियम द्वारा नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए ताकि इन रिक्तियों को वक्त पर पूरा किया जा सके.

दरअसल पिछले साल जनवरी से ही सुप्रीम कोर्ट और सरकार MOP को फाइनल करने की कोशिश कर रहे हैं. नेशनल ज्यूडिशियल अपाइंटमेंट कमिशन को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्तियों में पारदर्शिता के लिए MOP बनाने को तैयार करने को कहा था.

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