कर्नाटक में वरिष्ठतम विधायक के बजाय जूनियर विधायक को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस ने याचिका पर आगे न बढ़ने की बात मानी है. इसके बाद से अब तय हो गया है कि केजी बोपैया प्रोटेम स्पीकर बने रहेंगे. बता दें कि इससे पहले कर्नाटक में मुख्यमंत्री व बीजेपी नेता येदियुरप्पा को शनिवार को शाम 4 बजे तक बहुमत साबित करने के निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिए हैं. कांग्रेस प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के विरोध में कोर्ट चली गई थी. सुप्रीम कोर्ट में जो बेंच बीएस येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण वाले मामले की सुनवाई कर रही है वही बेंच इस मामले की भी सुनवाई की. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रोटेम स्पीकर केजी बोपैया बने रहेंगे और सदन में विश्वासमत की प्रक्रिया को संचालित करेंगे. विश्वासमत की पूरी प्रक्रिया सभी चैनलों पर लाइव दिखाई जाएगी.
कर्नाटक LIVE : कांग्रेस के दो विधायक आनंद सिंह और प्रताप गौड़ा पाटिल अभी तक नहीं पहुंचे विधानसभा
कर्नाटक के प्रोटेम स्पीकर केजी बोपैया का विवादों से रहा है नाता, जानिये 10 अहम बातें
सुप्रीम कोर्ट में किसने क्या कहा
11:23AM : हम सुप्रीम कोर्ट के शुक्रगुजार हैं : अभिषेक मनु सिंघवी
11:22AM : फ्लोर टेस्ट का लाइव टेलीकास्ट होगा
11:21AM : बीजेपी को अपनी हार का आंदेशा हो गया है : अभिषेक मनु सिंघवी
11:20AM : हमारा उद्देश्य था पारदर्शी तरीके से पारदर्शिता हो. वह हमारा उद्देश्य पूरा हो गया- अभिषेक मनु सिंघवी
11:15AM : सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस ने अपनी याचिका पर आगे बढ़ने की बात मानी
11:12AM : केजी बोपैया बने रहेंगे प्रोटेम स्पीकर
11:12AM : फ्लोर टेस्ट का लाइव टेलीकॉस्ट होने से पारदर्शिता : सुप्रीम कोर्ट
11:10AM : फ्लोर टेस्ट का Live प्रसारण होगा : अटॉर्नी जनरल
11:10AM : ऐसा पहली बार नहीं हुआ है- जस्टिस बोबडे
11:08AM- केजी बोपैया का करियर दागदार रहा है : कपिल सिब्बल
11:02AM- कपिल सिब्बल ने कहा- केजी बोपैया को प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति न हो
कर्नाटक का 'नाटक': फ्लोर टेस्ट से पहले BJP और कांग्रेस आमने-सामने, जानें किसने क्या कहा
कांग्रेस और जेडीएस ने अपनी याचिका में कहा था कि याचिकाकर्ता को एक बार फिर विवश होना पड़ा क्योंकि कानून के शासन को स्थापित करना है और दूसरे पक्ष ने एक जूनियर एमएलए को प्रोटेम स्पीकर बनाया है. फ्लोर टेस्ट सही और पारदर्शी तरीके से हो इसलिए सुप्रीम कोर्ट को तुरंत निर्देश देने चाहिए.
प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के पीछे का गणित, क्या बीजेपी को हो सकता है इससे फायदा?
इससे पहले 16 मई को जब राज्यपाल ने बीजेपी विधायक दल के मनोनीत नेता बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया तो राज्यपाल के इस निर्णय के खिलाफ कांग्रेस एवं जेडीएस सुप्रीम कोर्ट चले गए. कोर्ट से अपील की गई की इस मामले की अभी सुनवाई हो और बीएस येदियुरप्पा को शपथ ग्रहण करने से रोका जाए. लेकिन तमाम दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने बीएस येदियुरप्पा को शपथ लेने से रोकने के आग्रह को ठुकरा दिया. साथ ही कोर्ट ने इस मामले पर 18 मई को सुनवाई की तारीख दी. 18 मई को हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि शनिवार शाम 4 बजे सदन में बीएस येदियुरप्पा अपना बहुमत साबित करे. राज्यपाल ने बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय दिया था जिसे कोर्ट ने नहीं माना.
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इन सारे घटनाक्रम के बीच कांग्रेस विधायक एक रिसॉर्ट में ठहरे हुए हैं जबकि जेडीएस के विधायक एक होटल में. 19 मई को विधानसभा की कार्रवाई जब शुरू हुई तो दोनों दलों के विधायक विधानसभा की सदस्यता ग्रहण करने के लिए विधानसभा पहुंचे. ज्ञात हो कि 12 मई 2018 को कर्नाटक में विधानसभा का चुनाव कराए गए थे और 15 मई 2018 को मतगणना हुई थी. चुनाव परिणाम जो आए थे उसमें किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. बीजेपी 104 सीटों पर जीत दर्ज करके राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी थी जबकि 78 सीटों पर जीत के साथ दूसरे नंबर पर और 38 सीटों पर जीत के साथ जेडीएस तीसरे नंबर की पार्टी बनी. दो अन्य उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की.
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