सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने के राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू के फैसले को चुनौती देने वाली कांग्रेस के दो राज्यसभा सांसदों की याचिका पर पांच सदस्यीय संविधान पीठ आज यानी मंगलवार को विचार करेगी. बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इसकी सुनवाई के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ गठित कर दी थी.
SC के पूर्व जज काटजू ने कहा, ‘मैं 1992 में महाभियोग के कगार पर पहुंच गया था’
उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को होने वाले कामकाज की सूची के अनुसार न्यायमूर्ति ए के सिकरी , न्यायमूर्ति एस ए बोबडे , न्यायमूर्ति एन वी रमण , न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की पांच सदस्यीय संविधान पीठ कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा की याचिका पर सुनवाई करेंगे.
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अधिवक्त प्रशांत भूषण ने आज दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ के समक्ष आज इस मामले का उल्लेख किया था.
सभापति कार्यालय डाकघर नहीं संवैधानिक पदाधिकारी है : एम वेंकैया नायडू
न्यायमूर्ति चेलामेश्वर और न्यायमूर्ति कौल की पीठ ने शुरू में सिब्बल से कहा कि इस याचिका का उल्लेख प्रधान न्यायाधीश के समक्ष करें लेकिन बाद में सिब्बल और प्रशांत भूषण से कहा था कि वे कल आयें. महत्वपूर्ण बात यह है कि इस याचिका को उन न्यायाधीशों के सामने सूचीबद्ध नहीं किया गया जो वरिष्ठता क्रम में दूसरे से पांचवें स्थान पर हैं.
CJI दीपक मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस का महाभियोग नोटिस गलत था : ममता बनर्जी
ये न्यायाधीश ( न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर , न्यायमूर्ति रंजन गोगोई , न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ) वहीं हैं जिन्होंने 12 जनवरी को विवादित संयुक्त् प्रेस कांफ्रेस करके प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर कई आरोप लगाए थे.
VIDEO: महाभियोग के नोटिस को रद्द करने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
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वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अधिवक्त प्रशांत भूषण ने आज दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ के समक्ष आज इस मामले का उल्लेख किया था.
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न्यायमूर्ति चेलामेश्वर और न्यायमूर्ति कौल की पीठ ने शुरू में सिब्बल से कहा कि इस याचिका का उल्लेख प्रधान न्यायाधीश के समक्ष करें लेकिन बाद में सिब्बल और प्रशांत भूषण से कहा था कि वे कल आयें. महत्वपूर्ण बात यह है कि इस याचिका को उन न्यायाधीशों के सामने सूचीबद्ध नहीं किया गया जो वरिष्ठता क्रम में दूसरे से पांचवें स्थान पर हैं.
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