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This Article is From Apr 12, 2019

अयोध्‍या मामला : विवादित जमीन पर पूजा की याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने कहा - आप किसी को शांति से रहने नहीं देंगे

सुप्रीम कोर्ट ने पंडित अमरनाथ मिश्रा की याचिका को खारिज करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस फैसले पर भी रोक लगाने से इनकार कर दिया जिसमें ये याचिका दाखिल करने पर पांच लाख का जुर्माना लगाया गया था.

अयोध्‍या मामला : विवादित जमीन पर पूजा की याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने कहा - आप किसी को शांति से रहने नहीं देंगे
नई दिल्‍ली:

अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में गैर विवादित जमीन पर पूजा की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. याचिका को खारिज करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि आप देश में किसी को शांति से रहने नहीं देंगे. कुछ ना कुछ अड़चन डालनी है.' सुप्रीम कोर्ट ने पंडित अमरनाथ मिश्रा की याचिका को खारिज करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस फैसले पर भी रोक लगाने से इनकार कर दिया जिसमें ये याचिका दाखिल करने पर पांच लाख का जुर्माना लगाया गया था.

अयोध्या और बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद मध्यस्थता से सुलझाने की कोशिश की जा रही है. इस मध्यस्थता के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यों की एक समिति गठित की और इसे कैमरे की निगरानी में की जा रही है. समिति के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एफएमआई कलीफुल्ला हैं और इसमें आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू शामिल हैं.

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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने विवादास्पद 2.77 एकड़ भूमि तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर-बराबर बांटने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपील पर सुनवाई के दौरान मध्यस्थता के माध्यम से विवाद सुलझाने की संभावना तलाशने का सुझाव दिया था.

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इससे पहले 9 अप्रैल को रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में एक और याचिका दाखिल की गई थी. निर्मोही अखाड़ा ने सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दाखिल की थी और इस याचिका में केंद्र सरकार की अयोध्या में अधिग्रहीत की गई अतिरिक्त जमीन को वापस देने की अर्जी का विरोध किया गया था. अखाड़ा ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट को पहले भूमि विवाद का फैसला करना चाहिए. केंद्र के जमीन अधिग्रहण करने से अखाड़ा द्वारा संचालित कई मंदिर नष्ट हो गए. ऐसे में केंद्र को ये जमीन किसी को भी वापस करने के लिए नहीं दी जा सकती. अखाड़ा ने ये भी कहा था कि रामजन्मभूमि न्यास को अयोध्या में बहुमत की जमीन नहीं दी जा सकती. अखाड़ा ने ये याचिका केंद्र सरकार की जनवरी की याचिका पर दाखिल की थी जिसमें सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई थी कि वो विवादित भूमि के अलावा अधिग्रहीत की गई जमीन को वापस लौटाना चाहता है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की अर्जी पर सुनवाई नहीं की है.

VIDEO: अयोध्या विवाद में मध्यस्थता की रिपोर्टिंग पर प्रतिबंध

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