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This Article is From May 13, 2021

SC का केंद्र और राज्‍य सरकारों को आदेश, फंसे प्रवासी मजदूरों को राशन और परिवहन सुविधा मुहैया कराएं

अदालत ने कहा है कि पिछले साल के आदेशों के बावजूद कुछ राज्यों ने अपने राज्यों में प्रवासी कामगार की संख्या, उनके रोजगार के लिए योजना का विवरण प्रस्तुत नहीं किया है.

SC का केंद्र और राज्‍य सरकारों को आदेश, फंसे प्रवासी मजदूरों को राशन और परिवहन सुविधा मुहैया कराएं
कोरोना लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

प्रवासी मजदूरों (Migrant labourers) के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आदेश देते हुए कहा है कि केंद्र, दिल्ली सरकार यूपी और हरियाणा, फंसे प्रवासियों को परिवहन प्रदान करने पर राहत के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दें. इसके साथ ही SC ने कहा है कि केंद्र, दिल्ली सरकार, यूपी और हरियाणा, दिल्ली एनसीआर में फंसे प्रवासियों के लिए
 आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत राशन उपलब्ध कराएं. मई से प्रवासियों को सूखा राशन दिया जाए. राशन को दिल्ली एनसीआर में प्रवासियों को बिना आई कार्ड के दिया जाना चाहिए.

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SC  नेे कहा है  क‍ि  दिल्ली, यूपी फंसे हुए प्रवासी कामगारों की पहचान करें और सड़क मार्ग से या केंद्र की मदद से ट्रेन द्वारा परिवहन प्रदान करें. इसके साथ ही दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सामुदायिक रसोई के माध्यम से फंसे प्रवासियों को एक दिन में दो बार भोजन प्रदान करें. मामले में अगली सुनवाई 24 मई को होगी. 

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अदालत ने कहा है कि पिछले साल के आदेशों के बावजूद कुछ राज्यों ने अपने राज्यों में प्रवासी कामगार की संख्या, उनके रोजगार के लिए योजना का विवरण प्रस्तुत नहीं किया है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, यूपी, हरियाणा, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र और ओडिशा को निर्देश दिया कि वे प्रवासियों को दी गई योजनाओं, उनकी संख्या आदि पर विवरण प्रस्तुत करें.ये राज्य 10 दिनों के भीतर अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करें और यह उन्हें दिया गया आखिरी मौका है.बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के चलते देश के कई राज्यों लॉकडाउन लगा हुआ है, जिसकी वजह से पिछले साल पलायन के बाद शहरों को लौट चुके मजदूर एक बार फिर संकट में हैं. हालांकि, अधिकतर राज्यों ने संपूर्ण लॉकडाउन का कदम नहीं उठाया है, लेकिन फिर भी बहुत से सेक्टरों में काम ठप है, जिसके चलते मजदूरों की रोजी-रोटी पर बनी हुई है. 
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