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This Article is From Oct 25, 2012

टोक्यो यूनिवर्सिटी में पढ़ेंगे सुपर-30 के छात्र

टोक्यो यूनिवर्सिटी में पढ़ेंगे सुपर-30 के छात्र
पटना: जापान का टोक्यो विश्वविद्यालय और जापानी कंपनी को-ऑपरेटिव ग्रोसर चेन (सीजीसी) अपने देश में भारतीय विद्यार्थियों के अध्ययन को बढ़ावा देने के क्रम में गरीब बच्चों को आईआईटी जेईई की परीक्षा की तैयारी कराने वाली संस्था सुपर-30 के कम से कम एक मेधावी बच्चे को अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करेगा।

टोक्यो विश्वविद्यालय ने अपने यहां भारतीय विद्यार्थियों के अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए बेंगलुरु में एक कार्यालय शुरू किया। विश्वविद्यालय की इस शाखा के निदेशक हिरोशी योसिनो ने पटना में गणितज्ञ और सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार से मुलाकात की और संस्था के कम से कम एक मेधावी विद्यार्थी को जापान में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति देने की व्यवस्था पर एक समझौता किया।

योसिनो ने संवाददाताओं से कहा, जापान सरकार के ग्लोबल-30 कार्यक्रम के तहत मैं भारतीय विद्यार्थियों को टोक्यो विश्वविद्यालय में अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए अभियान पर निकला हूं। इसी क्रम में सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार से मिलने आया हूं, जिनका नाम जापान में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है। उन्होंने कहा कि सुपर-30 के कम से कम एक मेधावी विद्यार्थी को टोक्यो विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष 30 हजार डॉलर की छात्रवृत्ति देगा। स्कॉलरशिप की राशि सुपरमार्केट चेन का संचालन करने वाली सीजीसी कंपनी द्वारा प्रदान की जाएगी।

योसिनो ने कहा कि एक गरीब और मेधावी बच्चे को अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम के लिए छात्रवृत्ति देकर उसे भारत के विद्यार्थी समुदाय के बीच एंबेसडर के रूप में स्थापित करना मकसद है ताकि उससे प्रेरणा पाकर अधिक से अधिक भारतीय विद्यार्थी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बदले जापान के विश्वविद्यालयों की ओर अध्ययन के लिए अपना रुख करें। उन्होंने कहा कि मेधावी विद्यार्थी का चयन अक्तूबर 2013 में किया जाएगा। साइंस एवं टेक्नोलाजी पाठ्यक्रम के लिए विद्यार्थियों से आवेदन मंगाए जाएंगे और साक्षात्कार के बाद सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी का चयन होगा।

योसिनो ने कहा कि जापान के राष्ट्रीय टेलीविजन प्रसारणकर्ता ‘एनएचके’ ने आनंद पर एक कार्यक्रम ‘इंडिया इन शाक’ प्रसारित किया था, जिससे प्रभावित होकर वह आनंद के पास आए हैं। इसके अलावा पूर्व मिस जापान और अभिनेत्री नोरिका फुजीवारा ने भी उनकी तारीफ की है। गरीब और मेधावी बच्चों को मदद कर वह आईआईटी जैसी संस्था के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को तैयार करते हैं। अब तक 300 बच्चों को आनंद के दिशा-निर्देश के कारण आईआईटी में दाखिला मिल चुका है।

आनंद ने कहा, सुपर-30 से यदि किसी भी छात्र का चयन टोक्यो विश्वविद्यालय के लिए होता है तो उन्हें काफी प्रसन्नता होगी। संस्था द्वारा उस गरीब और मेधावी विद्यार्थी को दाखिले आदि के लिए पूरी मदद दी जाएगी।

आनंद ने कहा कि सुपर-30 में से किसी के जापान में पढ़कर अंतरराष्ट्रीय स्तर का इंजीनियर, प्रोफेसर या वैज्ञानिक बनने से बिहार के साथ साथ देश का नाम ऊंचा होगा। यह पहला मौका होगा जब हमारे विद्यार्थियों के लिए विदेशों में नए रास्ते के अध्ययन खुलेंगे। निदेशक ने कहा कि ‘ग्लोबल-30’ कार्यक्रम जापान के 13 विश्वविद्यालयों का समूह है, जिसका मकसद जापान में पढ़ रहे विदेशी छात्रों की वर्तमान संख्या 1. 4 लाख से बढ़ाकर 2020 तक तीन लाख करना है। इसमें सात सरकारी विश्वविद्यालय शामिल हैं। जापान के विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले विदेशी विद्यार्थियों में से 75 प्रतिशत चीन और कोरिया से आते हैं।

उन्होंने कहा कि उनका देश चाहता है कि भारत से भी श्रेष्ठ प्रतिभाएं जापान में पढ़ने आएं। वर्तमान में भारतीय विद्यार्थियों की संख्या जापान में 600 है। भारतीय विद्यार्थी मैसाचुसेट्स इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलाजी (एमआइटी) की तरह जापान को अपनी प्राथमिकता की सूची में शामिल करें।

निदेशक ने कहा कि यह वर्ष भारत और जापान के राजनयिक संबंधों का 60वां वर्ष है। ऐसे में विद्यार्थियों के बीच जापान में अध्ययन को बढ़ावा देने से यह संबंध और प्रगाढ़ होगा।

गरीब और मेधावी बच्चों के लिए आनंद ने सुपर-30 की स्थापना 2002 में की थी। तब से अच्छी खासी संख्या में बच्चे आईआईटी की परीक्षाओं में उत्तीर्ण कर रहे हैं। अपने प्रदर्शन के लिए इस संस्था ने वैश्विक ख्याति अर्जित की है।

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