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This Article is From Feb 13, 2015

सुनंदा मामला : शशि थरूर को कई बार पेश होने पड़ेगा एसआईटी के सामने

सुनंदा मामला : शशि थरूर को कई बार पेश होने पड़ेगा एसआईटी के सामने
शशि थरूर की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली:

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता शशि थरूर को दिल्ली पुलिस की एसआईटी के सामने कई बार पेश होना पड़ेगा। गुरुवार को हुई पूछताछ के बाद पुलिस ने लीला होटल की गलियारों में कैद सुनंदा की मौत के राज से पर्दा उठाने के लिए एक और रास्ता तलाश कर लिया है। इस नए रास्ते पर आईपीएल की चकाचौंध तो है ही, सता के दुरूपयोग के निशान भी हैं।

गुरुवार को इसी सिलसिले में न केवल थरूर, बल्कि छह लोगों से लगातार घंटों तक पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान सिर्फ शशि थरूर को कुछ घंटों के लिए उनके पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम में जाने का मौका दिया गया। पुलिस सूत्रों की मानें तो गुरुवार को हुई पूछताछ के दौरान फोकस सुनंदा की मौत के पहले उनके प्रेस कांफ्रेंस का मुद्दा और आईपीएल में सुनंदा के शेयर पर था।

सूत्रों की मानें तो एसआईटी दो सवालों का जवाब तलाश कर रही है। गुरुवार को हुई पूछताछ में इन सवालों के जवाब फिलहाल नहीं मिल पाए हैं। इन सवालों की वजह से ही न केवल थरूर को, बल्कि कुछ और लोगों को एसआईटी की पूछताछ से बार-बार गुजरना पड़ सकता है। दरअसल, सुनंदा पुष्कर की मौत मामले की जांच कर रही एसआईटी सबसे पहले ये जानना चाहती है कि 17 जनवरी को सुनंदा ने किस मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करने का फैसला किया था और उसके पास थरूर के मामले में ऐसा क्या था कि उन्हें सबके सामने बेनकाब कर देने की बात कर रही थी।

गौरतलब है कि 16 जनवरी, 2014 को सुनंदा ने कई पत्रकारों से बात की थी। इन पत्रकारों से पूछताछ के दौरान पुलिस को कुछ जानकारी मिली। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को शशि थरूर से पुलिस ने इसके बारे में कई बार पूछा, मगर थरूर हर बार यही जवाब देते रहे कि सुनंदा के पास ऐसा कुछ नहीं था, जिससे उनके किसी गुप्ता राज का खुलासा होता।

एसआईटी को फिलहाल थरूर के इस जवाब पर यकीन नहीं है, क्योंकि पुलिस के पास कई ऐसी चीजें हैं, जो साबित करती हैं कि थरूर को केवल यही नहीं कई और बातों की जानकारी है। इसीलिए थरूर को बार-बार बुलाया जा सकता है। लेकिन थरूर फिलहाल मीडिया के किसी सवाल का जवाब देने के लिए तैयार नहीं हैं। एसआईटी का दूसरा सबसे बड़ा सवाल आईपीएल से जुड़ा है। जांच के दौरान एसआईटी को मिली जानकारियों के मुताबिक कोच्चि टीम को खरीदने के पहले कई दांव-पेंच खेले गए थे।

एसआईटी को ये भी पता लगा है कि सुनंदा को शेयर किसी पैसे के बदले नहीं दिए गए थे, बल्कि उनका शेयर स्वेट शेयर की श्रेणी में आता है। स्वेट यानी किसी व्यक्ति की मेहनत के बदले कंपनी में मिलने वाला शेयर। अब पुलिस यही पता करना चाहती है कि सुनंदा ने ऐसा क्या किया था कि उसे आईपीएल कंपनी में 70 करोड़ रुपये का शेयर दिया गया।

यही नहीं, इस कंपनी की बोली लगने के समय भी धांधली हुई। सूत्रों के मुताबिक पुलिस को ऐसी कई बातें पता लगीं है कि मंत्री रहते समय थरूर ने कंपनी की बोली के समय कुछ ऐसे काम किए, जिससे कोच्चि टीम को खरीदने में आसानी हुई। हालाकि लोकसभा में थरूर ने कहा था कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया।

गौरतलब है कि गुजरात के एक हीरा कारोबारी की शुरुआत की हुई इस कंपनी में कई ऐसे लोग थे, जिनके पास पैसे तो नहीं थे, मगर उन्हें शेयर के रूप में हिस्से मिले थे। आईपीएल में सबसे महंगी टीम कोचि टस्कर 700 करोड़ में खरीदी गई थी। लेकिन इस कंपनी में कौन-कौन लोग हैं, ये नहीं बताया गया। पुलिस को शक है कि सुनंदा को शेयर इसलिए मिला, क्योंकि थरूर ने कंपनी की खरीद-बिक्री में अहम भूमिका अदा की थी।

बताया जा रहा है कि हीरा कारोबरी ने पहले थरूर से मिलकर मदद की मांग की थी, इसके बाद ही कंपनी खरीद-बिक्री की डील हुई। अब सवाल यह है कि वह कंपनी जो किसी तरह का कारोबार नहीं करती थी, उसमें इतने लोग अचानक शेयर होल्डर कैसे बने और निर्धारित बोली की सूचना लीक कैसे हुई।

एसआईटी सूत्रों की मानें तो गुरुवार को पूछताछ के दौरान थरूर इस मामले से जुड़े किसी भी सवाल का संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए। पुलिस को शक है कि यही वह राज हो सकता है, जिसका खुलासा सुनंदा प्रेस कांफ्रेंस के दौरान करने वाली थी। सवालों पर थरूर के टाल-मटोल रवैये की वजह से उनके लिए आने वाले दिन परेशानी भरे हो सकते हैं। पुलिस ने उनसे इससे संबंधित कागजात भी मांगे, जिनमें से कुछ कागजात थरूर ने शुक्रवार को सरोजनी नगर थाने में जमा कराया।

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