रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन करते शिक्षामित्र
लखनऊ:
इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक आदेश से बेरोजगार हुए पौने दो लाख शिक्षा मित्रों ने सोमवार को पूरे यूपी में प्रदर्शन किया और जगह-जगह ट्रेनों को रोका। नौकरी जाने के बाद एक शिक्षामित्र ने आत्महत्या कर ली और एक की हार्ट अटैक से मौत हो गई। वहीं, आज मैनपुरी में एक शिक्षामित्र ने फांसी लगाने की कोशिश की। अब यूपी सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।
ट्रैनों को रोका शिक्षामित्रों ने
बता दें कि आज कन्नौज में हजारों शिक्षामित्रों ने रेलवे ट्रैक जाम कर दिया। घंटों वे ट्रेक पर बैठे नारेबाजी करते रहे। रेलवे ट्रैक खाली कराने आई पुलिस से उनका संघर्ष भी हुआ। कल यहीं नौकरी जाने के सदमे से एक शिक्षामित्र ने खुदकुशी कर ली थी। आज विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे शिक्षामित्रों का कहना था कि वे भी आत्महत्या करना चाहते हैं।
एक शिक्षामित्र सुनील कुमार ने कहा कि ट्रेन की पटरी पर बैठने का मतलब यह हुआ कि सब को एक साथ काट डालें। हम सब इकट्ठे मर जाएं तो बहुत अच्छा है। बस यही हमारी आखिरी इच्छा है।
बता दें कि शाहजहांपुर में नौकरी जाने के सदमे से एक शिक्षामित्र को दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई। आज इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एक और शिक्षामित्र को दिल का दौरा पड़ गया और चार अन्य बेहोश हो गए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
क्यों रद्द हुईं नियुक्तियां
उल्लेखनीय है कि शिक्षामित्र नौकरी के लिए सालों से आंदोलन कर रहे हैं। दर्जनों बार उनपर लाठीचार्ज हुआ जिसमें सैकड़ों को चोट आई। यूपी के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते सरकार ने एक लाख 78 हजार शिक्षामित्रों की भर्ती की थी। अब जब सरकार ने उन्हें पक्की नौकरी पर रख दिया तो ट्रेंड टीचरों ने हाईकोर्ट में केस कर दिया जिसके बाद कोर्ट ने सभी की नियुक्तियों को रद्द कर दिया।
पूरे राज्य में इन शिक्षामित्रों का आंदोलन चल रहा है और ऐसे में यूपी के बेसिक शिक्षामंत्री राम गोविंद चौधरी ने अपील की है कि शिक्षामित्रों को निराश होने की जरूरत नहीं है। वे खुदकुशी जैसा कदम न उठाएं।
ट्रैनों को रोका शिक्षामित्रों ने
बता दें कि आज कन्नौज में हजारों शिक्षामित्रों ने रेलवे ट्रैक जाम कर दिया। घंटों वे ट्रेक पर बैठे नारेबाजी करते रहे। रेलवे ट्रैक खाली कराने आई पुलिस से उनका संघर्ष भी हुआ। कल यहीं नौकरी जाने के सदमे से एक शिक्षामित्र ने खुदकुशी कर ली थी। आज विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे शिक्षामित्रों का कहना था कि वे भी आत्महत्या करना चाहते हैं।
एक शिक्षामित्र सुनील कुमार ने कहा कि ट्रेन की पटरी पर बैठने का मतलब यह हुआ कि सब को एक साथ काट डालें। हम सब इकट्ठे मर जाएं तो बहुत अच्छा है। बस यही हमारी आखिरी इच्छा है।
बता दें कि शाहजहांपुर में नौकरी जाने के सदमे से एक शिक्षामित्र को दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई। आज इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एक और शिक्षामित्र को दिल का दौरा पड़ गया और चार अन्य बेहोश हो गए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
क्यों रद्द हुईं नियुक्तियां
उल्लेखनीय है कि शिक्षामित्र नौकरी के लिए सालों से आंदोलन कर रहे हैं। दर्जनों बार उनपर लाठीचार्ज हुआ जिसमें सैकड़ों को चोट आई। यूपी के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते सरकार ने एक लाख 78 हजार शिक्षामित्रों की भर्ती की थी। अब जब सरकार ने उन्हें पक्की नौकरी पर रख दिया तो ट्रेंड टीचरों ने हाईकोर्ट में केस कर दिया जिसके बाद कोर्ट ने सभी की नियुक्तियों को रद्द कर दिया।
पूरे राज्य में इन शिक्षामित्रों का आंदोलन चल रहा है और ऐसे में यूपी के बेसिक शिक्षामंत्री राम गोविंद चौधरी ने अपील की है कि शिक्षामित्रों को निराश होने की जरूरत नहीं है। वे खुदकुशी जैसा कदम न उठाएं।
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