नई दिल्ली:
2जी घोटाले के मामले में गृहमंत्री पी चिदंबरम को आरोपी बनाए जाने के मामले में जनता पार्टी के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने पटियाला हाउस की विशेष अदालत में दस्तावेज पेश कर दिए हैं। इन दस्तावेज के जरिए स्वामी यह साबित करना चाहते हैं कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में ए राजा और पी चिदंबरम के बीच बातचीत हुई थी।
अब इस मामले में 21 जनवरी से कोर्ट में सुनवाई शुरू होगी। कोर्ट ने स्वामी को बतौर गवाह पेश होने की इजाजत दी थी, लेकिन शर्त लगाई थी कि वह पहले अपने दावों को साबित करें। इससे पहले भी स्वामी कोर्ट में अपनी गवाही दे चुके हैं।
स्वामी ने अपनी निजी शिकायत के समर्थन में दस्तावेजों की विभिन्न प्रमाणित प्रतियां पेश कीं। इसके बाद विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओपी सैनी ने कहा कि आरोपी को समन जारी करने के लिए आवेदन पर 21 जनवरी को जिरह होगी। स्वामी ने अदालत को बताया कि उनके द्वारा पेश किए गए दस्तावेज और सबूत पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा द्वारा लिए गए फैसलों में तत्कालीन वित्तमंत्री पी. चिदंबरम की मिलीभगत, सांठगांठ और सहमति का खुलासा करते हैं।
स्वामी ने कहा कि यह सबूत स्पेक्ट्रम लाइसेंस का मूल्य तय करने और सेवा शुरू करने से पहले ही दो कंपनियों- स्वान और यूनिटेक को हिस्सेदारी बेचने की अनुमति देने के मामले में तत्कालीन संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ए राजा द्वारा किए गए फैसलों में तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम की मिलीभगत सांठगांठ और सहमति का खुलासा करता है।
जनता पार्टी के प्रमुख द्वारा अदालत के समक्ष अपना बयान पूरा किए जाने के बाद न्यायाधीश ने स्वामी के आवेदन को जिरह के लिए सूचीबद्ध कर लिया। स्वामी ने अदालत में बहुत से दस्तावेज पेश किए। इनमें 15 जनवरी, 2008 को चिदंबरम द्वारा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखा गया पत्र भी शामिल है। उन्होंने चिदंबरम राजा और प्रधानमंत्री के बीच उस बैठक का ब्यौरा भी पेश किया, जो संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में राजा के कार्यकाल के दौरान हुई थी।
(इनपुट भाषा से भी)
अब इस मामले में 21 जनवरी से कोर्ट में सुनवाई शुरू होगी। कोर्ट ने स्वामी को बतौर गवाह पेश होने की इजाजत दी थी, लेकिन शर्त लगाई थी कि वह पहले अपने दावों को साबित करें। इससे पहले भी स्वामी कोर्ट में अपनी गवाही दे चुके हैं।
स्वामी ने अपनी निजी शिकायत के समर्थन में दस्तावेजों की विभिन्न प्रमाणित प्रतियां पेश कीं। इसके बाद विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओपी सैनी ने कहा कि आरोपी को समन जारी करने के लिए आवेदन पर 21 जनवरी को जिरह होगी। स्वामी ने अदालत को बताया कि उनके द्वारा पेश किए गए दस्तावेज और सबूत पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा द्वारा लिए गए फैसलों में तत्कालीन वित्तमंत्री पी. चिदंबरम की मिलीभगत, सांठगांठ और सहमति का खुलासा करते हैं।
स्वामी ने कहा कि यह सबूत स्पेक्ट्रम लाइसेंस का मूल्य तय करने और सेवा शुरू करने से पहले ही दो कंपनियों- स्वान और यूनिटेक को हिस्सेदारी बेचने की अनुमति देने के मामले में तत्कालीन संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ए राजा द्वारा किए गए फैसलों में तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम की मिलीभगत सांठगांठ और सहमति का खुलासा करता है।
जनता पार्टी के प्रमुख द्वारा अदालत के समक्ष अपना बयान पूरा किए जाने के बाद न्यायाधीश ने स्वामी के आवेदन को जिरह के लिए सूचीबद्ध कर लिया। स्वामी ने अदालत में बहुत से दस्तावेज पेश किए। इनमें 15 जनवरी, 2008 को चिदंबरम द्वारा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखा गया पत्र भी शामिल है। उन्होंने चिदंबरम राजा और प्रधानमंत्री के बीच उस बैठक का ब्यौरा भी पेश किया, जो संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में राजा के कार्यकाल के दौरान हुई थी।
(इनपुट भाषा से भी)
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