जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में 11 सुरक्षाकर्मियों की मौत के एक सप्ताह बाद और संसद पर हमले की बरसी से एक दिन पहले रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे और भारत को इस तरह की 'बेहया कोशिशों' पर अंकुश लगाने के लिए 'करारा जवाब' देना होगा।
रक्षा मंत्री ने गुरुवार को कश्मीर का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि छह माह के भीतर हालात में बदलाव आएगा, क्योंकि सरकार ने इस संबंध में कई कदमों की योजना बनाई है। हालांकि उन्होंने इस सिलसिले में विस्तार से जानकारी नहीं दी।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि कोई करारा जवाब दिया जाना चाहिए, जिससे इस तरह की बेहया कोशिशों पर हमेशा के लिए रोक लगे और या कम से कम इनमें कमी आए। यह एक खुला रहस्य है कि वे (आतंकवादी) पाकिस्तान से आए थे। आप अगले छह महीने में बदलाव देखेंगे।
रक्षा मंत्री इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के हमलों के प्रति भारत के जवाब कारगर हैं? उन्होंने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर में वतन की हिफाजत कर रहे सशस्त्र बलों को उचित साजोसामान और समर्थन मुहैया कराना है। उन्हें याद दिलाया गया कि पाकिस्तान के पास परमाणु शक्ति है और ऐसे में भारत सरकार कारगर जवाब कैसे दे सकती है, रक्षा मंत्री ने कहा, परमाणु ताकत हमें संयम बरतने को कहती है।
रक्षा मंत्री ने कहा, मैं पूर्ण युद्ध की बात नहीं कर रहा। पूर्ण युद्ध पूरी तरह से अलग बात है, लेकिन अगर ऐसे कुछ स्थान है, जहां से आतंकवादी आते-जाते है, जो लोग हैं, जो ऐसा करते हैं... मुझे लगता है कि उन लोगों पर दबाव बनाया जाना चाहिए।
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