ईस्टर के मौके पर श्रीलंका में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों ने न सिर्फ 300 लोगों की जानें लीं, बल्कि पूरी दुनिया को सहम कर दिया. मगर अब इस धमाके को लेकर हर दिन नए खुलासे सामने आ रहे हैं. ईस्टर के मौके पर हुए सीरियल बम ब्लास्ट को लेकर भारतीय खुफिया अधिकारियों ने श्रीलंका की खुफिया अधिकारियों को पहले ही आगाह कर दिया था. इस मामले के तीन जानकार सूत्रों ने कहा कि भारतीय इंटेलीजेंस ने कोलंबो सीरियल ब्लास्ट के इनपुट 2 घंटे पहले ही श्रीलंकन इंटेलीजेंस के अधिकारियों को दे दी थी.
हमलावरों ने ईस्टर के मौके पर भीड़भाड़ वाले जगहों को निशाना बनाया. आत्मघाती हमलावरों ने रविवार को तीन गिरिजाघरों और चार होटलों में विस्फोट किया, जिसमें 321 लोगों की मौत हो गई और 500 से अधिक घायल हो गए. बता दें कि शीत युद्ध के बाद यह श्रीलंका का सबसे खुनी वाला दिन था. श्रीलंका में हुए इन आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी मंगलवार को आतंकी संगठन आईएसआईएस ने ली. हालांकि, इन हमलों को लेकर उसने दावे भले ही किए हों, मगर कोई सबूत पेश नहीं किया.
एक श्रीलंकाई रक्षा सूत्र और एक भारत सरकार के सूत्र ने कहा कि भारतीय खुफिया अधिकारियों ने पहले विस्फोट से करीब 2 घंटे पहले अपने श्रीलंकाई समकक्षों से संपर्क किया था और हमले को लेकर आगाह किया था. उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि हमलावर विशेष तौर पर गिरिजाघरों पर हमला कर सकते हैं.
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एक अन्य श्रीलंकाई रक्षा स्रोत ने कहा कि पहले हमले से 'कुछ घंटे पहले' एक चेतावनी आई थी. श्रीलंका के एक और सूत्र ने कहा कि शनिवार रात को भारतीय अधिकारियों की ओर से एक चेतावनी भी भेजी गई थी. एनडीटीवी से बातचीत में उन्होंने माना कि खुफ़िया रिपोर्ट मिली थीं और उसके हिसाब से कदम उठाने में चूक हुई.
भारत सरकार के सूत्र ने कहा कि इसी तरह के संदेश 4 अप्रैल और 20 अप्रैल को श्रीलंका के खुफिया एजेंटों को दिए गए थे. श्रीलंका के राष्ट्रपति और भारतीय विदेश मंत्रालय दोनों ने इस टिप्पणी पर जवाब नहीं दिया है. वहीं, श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि अभी भी कुछ लोग विस्फोटकों के साथ फरार हैं जिससे और हमलों का ख़तरा है.
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