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This Article is From Oct 05, 2015

यूपी में अब दलितों और दबे-कुचलों के लिए बनेंगे अलग पुलिस थाने

यूपी में अब दलितों और दबे-कुचलों के लिए बनेंगे अलग पुलिस थाने
प्रतीकात्मक तस्वीर
लखनऊ: दलितों और जनजातीय लोगों के प्रति अपराधों के मामले में असन्तोषजनक रिकॉर्ड रखने वाले उत्तर प्रदेश में ऐसे लोगों के लिए अलग से थाने बनाने का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है।

कई राज्यों में पहले से हैं ऐसे थाने
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा आंध्र प्रदेश में दलितों तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों के लिए विशेष थाने पहले ही मौजूद हैं और उत्तर प्रदेश सरकार हर जिले में कम से कम एक ऐसा थाना स्थापित करने पर विचार कर रही है।

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने बताया 'आयोग की पिछली समीक्षा बैठक में मैंने इन वर्ग विशेष के लिए अलग थाने बनाने का मुद्दा उठाया था। खासकर ऐसे जिलों में जहां अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के खिलाफ अपराधों का ग्राफ सबसे ऊंचा है। इन जिलों में हरदोई और सीतापुर मुख्य हैं।' उन्होंने बताया कि उस बैठक के बाद एक अनौपचारिक समिति गठित कर दी गई है, जो राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

पहले बड़े शहरों में बनाए जाएंगे विशेष थाने
पुलिस मुख्यालय के सूत्रों ने बताया कि पहले चरण में दलितों तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए बड़े शहरों में विशेष थाने बनाए जाएंगे। उसके बाद बाकी जिलों में ऐसे थाने स्थापित किए जाएंगे। इनकी स्थापना पर होने वाला खर्च केंद्र तथा राज्य सरकारें मिलकर उठाएंगी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना का खाका तैयार होने के बाद उसे गृह विभाग के प्रमुख सचिव के पास औपचारिक स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।

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