यूपी के पूर्व मंत्री और सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या (Swami Prasad Maurya ) के पूर्व निजी सचिव को ठगी के आरोप में अरेस्ट किया गया है. दरअसल, नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों पर एसटीएफ की पैनी नजर है. दरअसल, सूचना मिली थी कि स्वामी प्रसाद मौर्या के करीबी अरमान खान, असगर अली, जमील, फैजी, विशाल गुप्ता, अमित राव मुन्नवर, सैफ़ी आदि बेरोजगार युवकों को बहला फुसलाकर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करते हैं और अब तक करोड़ों रुपये का चूना लोगों को लगा चुके हैं.
पूछताछ में असगर अली ने बताया कि वह देवरिया का रहने वाला है और आउट सोर्सिंग पर उसने कई विभागों में काम किया है. वह सरकारी पत्र एवं विभागों की जानकारी रखता है. सचिवालय में अरमान के माध्यम से उसकी आसानी से पहुंच थी. वह लड़कों को अपने साथी जामिल के माध्यम से फंसाता था. वहीं अरमान यूपी के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या का निजी सचिव रहा है, जिसका वेतन श्रम विभाग द्वारा दिया जाता रहा है. वह अपने कार्यालय का उपहयोग सलाहकार इत्यादि के लिए करता था. समय-समय पर वह विभिन्न बहानों से पूर्व मंत्री को अभ्यर्थियों से मिलवाता रहता था.
फैजी को अरमान के माध्यम से सचिवालय में डिजिटाइजेशन का काम करने वाली कम्पनी में वेंडर सप्लाई का काम मिला. यह प्राइवेट लड़कों के माध्यम से बाल विभाग, रेशम विभाग, खाद्य एवं रसद विभाग का डिजिटाइजेशन पूर्ण कर चुका है. इसे भी सरकारी पत्रों की ठीक ठाक जानकारी थी एवं इसे सचिवालय परिसर में ही काम करने की जगह मिल गयी थी, जहां यह सब मिलकर ट्रेनिंग के नाम पर लड़कों रखते थे.
सरकारी भवन में ट्रेनिंग होने से लड़के आसानी से विश्वास कर लेते थे. फैजी का भाई सैफी भी इसमें मिला रहता था. विशाल गुप्ता अपने आपको अभ्यर्थियों के समक्ष विभिन्न मंत्री एवं विभागों के टच में रहना प्रस्तुत करता था और सरकारी विभागों के नियुक्ति एवं रिक्ति का मास्टर माइंड था. बहुत दिनों से यह इस कार्य में लिप्त है. इसका एक साथी स्वप्निल जो पूर्व मे जेल जा चुका है, उससे मिलकर रेलवे की फर्जी वेबसाइट पर अभ्यर्थियों का रजिस्ट्रेशन व परीक्षाफल प्रदर्शित करवाता था, जिससे आसानी से लड़के विश्वास कर लेते और वह उनसे मनचाही धनराशि वसूलता था.
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