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This Article is From Jan 10, 2016

सोनिया गांधी ने श्रीनगर में महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की, सियासी अटकलें तेज

सोनिया गांधी ने श्रीनगर में महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की, सियासी अटकलें तेज
सोनिया और महबूबा की इस मुलाकात को राजनीतिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है
श्रीनगर: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को श्रीनगर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की और उनके पिता तथा जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन पर शोक-संवेदना प्रकट की। इस मुलाकात को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

वहीं केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी महबूबा मुफ्ती के आवास पर गए और मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन पर शोक प्रकट किया। महबूबा के फेयरव्यू आवास के बाहर गडकरी ने संवाददाताओं से कहा, यह राजनीति पर बात करने का समय नहीं है। मैं यहां केंद्र सरकार की ओर से शोक प्रकट करने आया हूं।

सोनिया गांधी अपराह्न तीन बजे हवाई अड्डे से सीधे गुपकर में महबूबा के फेयरव्यू आवास पहुंची। वह करीब 20 मिनट तक पीडीपी अध्यक्ष के साथ रहीं।

कांग्रेस अध्यक्ष के साथ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस महासचिव अंबिका सोनी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीए मीर और पार्टी नेता सैफुद्दीन सोज भी थे।

मुफ्ती मोहम्मद सईद ने गुरुवार को नई दिल्ली में एम्स में अंतिम सांस ली थी। उन्हें 24 दिसंबर को एम्स में भर्ती कराया गया था।

सोनिया और महबूबा की मुलाकात को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि पीडीपी की सहयोगी बीजेपी ने मुफ्ती के निधन के बाद अभी तक मुख्यमंत्री पद के लिए महबूबा को औपचारिक समर्थन नहीं जताया है।

कांग्रेस पहले 2002 से 2008 के बीच पीडीपी के साथ जम्मू-कश्मीर की सत्ता में साझेदारी कर चुकी है, जिसमें तीन-तीन साल के अंतर पर दोनों पार्टियों के मुख्यमंत्री रहे। बाद में 2008 में वे अलग हो गए।

सोनिया गांधी के यहां पहुंचकर महबूबा से मुलाकात करने को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इस तरह की खबरें हैं कि पीडीपी और बीजेपी नई सरकार के गठन पर नए सिरे से बातचीत कर रहे हैं।

पीडीपी पहले ही राज्यपाल एनएन वोहरा को एक पत्र दे चुकी है, जिसमें कहा गया है कि पार्टी के सभी 27 विधायक मुख्यमंत्री पद के लिए महबूबा का समर्थन करते हैं। लेकिन खबरों के मुताबिक महबूबा ने कहा है कि वह अपने पिता के निधन के शोक के चौथे दिन तक शपथग्रहण नहीं करेंगी।

वोहरा ने शुक्रवार को पीडीपी और बीजेपी दोनों से सरकार गठन पर अपनी स्थिति तत्काल स्पष्ट करने को कहा था। बीजेपी ने अपनी स्थिति नहीं बताई, जिसके बाद राज्यपाल ने शनिवार को राज्य में राज्यपाल शासन लगा दिया।

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