बांबे हाईकोर्ट (Bombay High Court ) ने कहा है कि रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ द्वारा सुशांत सिंह राजपूत केस (Sushant Singh Rajput case) में मुंबई पुलिस (Mumbai Police) को लेकर कुछ रिपोर्टिंग प्रथमदृष्टया अवमाननापूर्ण थी. कोर्ट ने कहा कि अभी वह कोई कदम नहीं उठा रहा है. लेकिन उसने यह स्पष्ट कर दिया है कि जांच के दौरान मीडिया ट्रायल ऐसे मामलों में पूरी तफ्तीश को प्रभावित कर सकता है. सुशांत सिंह राजपूत ने जून 2020 में आत्महत्या कर ली थी. बांबे हाई कोर्ट इस मामले में तमाम याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. इसमें से एक 8 पूर्व पुलिस अफसरों ने दायर की थी, जिसमें मीडिया के एक वर्ग द्वारा मुंबई पुलिस की नकारात्मक छवि पेश करने को लेकर आपत्ति जताई गई है.
कुछ अन्य याचिकाओं में कहा गया है कि कुछ मीडिया समूह सुशांत केस में समानांतर ट्रायल चला रहे थे और इस मामले में कोर्ट से ऐसी खबरों को रोकने के लिए अनुरोध किया गया.हाईकोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि "मीडिया ट्रायल'' (media trial) केबल टीवी नेटवर्क रेगुलेशन एक्ट के तहत कार्यक्रम आचार संहिता का उल्लंघन करता है. कोर्ट ने इलेक्ट्रानिक मीडिया (electronic media) से पीसीआई गाइडलाइंस का पालन करने को कहा है, जब तक कि नए दिशानिर्देश बनकर तैयार नहीं हो जाते.
बांबे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर गाइडलाइन जारी की है. कोर्ट ने कहा कि मीडिया ट्रायल (Media Trial) से केस पर प्रभाव पड़ता है. कोर्ट ने कहा कि आरोपियों की तस्वीर मीडिया न छापे. पुलिस को दिया बयान आरोपी के बयान के तौर न चलाया जाए. खुदकुशी के केस में परिवार का इंटरव्यू न लें. दरसअल, मुंबई पुलिस के कई पूर्व अधिकारियों ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर मीडिया ट्रायल रोकने की गुहार लगाई थी. आगे मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर व्यापक गाइडलाइन जारी की जाएगी. संवेदनशील मामले में एक पीआरओ नियुक्त होना चाहिए, जिससे सही जानकारी लोगों तक पहुंचे.
गौरतलब है कि बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत केस में मुंबई पुलिस की जांच पड़ताल को लेकर कई तरह रिपोर्ट प्रसारित की गई थीं. इस मामले में काफी हंगामे के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा जांच सीबीआई को सौंपी गई थी, जिसने सुशांत की गर्लफ्रैंड रिया चक्रवर्ती पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया था. मुंबई पुलिस का कहना था कि वह मामले की जांच पेशेवर तरीके से कर रही है. छह माह बीत जाने के बावजूद केंद्रीय जांच एजेंसी अभी तक इस केस में किसी नतीजे तक नहीं पहुंची है.
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