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This Article is From Nov 05, 2017

एनएसए डोभाल के बेटे के संगठन ‘इंडिया फाउंडेशन’ के बोर्ड में कुछ मंत्री भी, कांग्रेस ने किया बीजेपी पर हमला

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘शाह-जादा की अपार सफलता के बाद भाजपा की नई पेशकश -- अजित शौर्य गाथा.’

एनएसए डोभाल के बेटे के संगठन ‘इंडिया फाउंडेशन’ के बोर्ड में कुछ मंत्री भी, कांग्रेस ने किया बीजेपी पर हमला
शौर्य डोभाल.
नई दिल्ली: एक समाचार को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर प्रहार किया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल के बेटे शौर्य द्वारा ‘इंडिया फाउंडेशन’ नाम का एक संगठन चलाने में ‘‘हितों के टकराव की संभावना’’ है. इस संगठन के बोर्ड में कुछ केंद्रीय मंत्रियों के भी होने का आरोप है. हालांकि, ‘इंडिया फाउंडेशन’ ने इस आरोप को बेबुनियाद करार दिया है .

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘शाह-जादा की अपार सफलता के बाद भाजपा की नई पेशकश -- अजित शौर्य गाथा.’’ ‘दि वायर’ नाम की एक खबरिया वेबसाइट ने अपनी खबर में कहा है कि डोभाल के बेटे द्वारा चलाए जा रहे थिंक टैंक इंडिया फाउंडेशन को चलाने में ‘‘हितों के टकराव की संभावना’’है क्योंकि शौर्य डोभाल वित्तीय सेवा कंपनी में साझेदार हैं और थिंक टैंक में कुछ वरिष्ठ मंत्री निदेशक पद पर हैं. यह संगठन कुछ विदेशी और भारतीय कारपोरेट की वित्तीय मदद से चलता है और इन कारपोरेट में कुछ का सरकार से भी लेन-देन है.’’

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मीडिया रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘इंडिया फाउंडेशन की अपारदर्शी वित्त व्यवस्था, इसमें वरिष्ठ मंत्रियों को निदेशक पद और इसके कार्यकारी निदेशक शौर्य डोभाल द्वारा जेमिनी फाइनेंशियल सर्विसेज का संचालन भी हितों के टकराव और लॉबिइंग की संभावना को दर्शाता है. जेमिनी फाइनेंशियल सर्विसेज एक ऐसी कंपनी है जो ‘ओईसीडी और उभरते एशियाई अर्थव्यवस्था के बीच लेन-देन और पूंजी प्रवाह का काम करती है.’’ कांग्रेस ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उन चार केंद्रीय मंत्रियों को हटा देना चाहिए जो संगठन में निदेशक हैं. पार्टी ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने यहां कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी को उन चार मंत्रियों को हटा देना चाहिए जो इंडिया फाउंडेशन के बोर्ड में शामिल हैं. हम मोदी से पूछना चाहते हैं कि वह कब उन्हें हटाएंगे.’’

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इस बीच, ‘इंडिया फाउंडेशन’ ने कहा कि आलेख निराधार है और संबंधित निदेशक मंत्री या सांसद बनने से बहुत पहले से संगठन से जुड़े हुए हैं .बयान में कहा गया, ‘‘उक्त आलेख अटकलों पर आधारित है और साफ तौर पर इसकी मंशा यह बताने की है कि इसमें कुछ गलत हुआ है, जबकि ऐसा कुछ नहीं है. इसमें बगैर किसी आधार के दुर्भावनापूर्ण ध्वनि है. इंडिया फाउंडेशन अपनी विरासत, प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता पर हमले की निंदा करता है.’’ संगठन ने किसी विदेशी कंपनी या व्यक्ति से विदेशी फंड प्राप्त करने से भी इनकार किया और कहा कि फाउंडेशन एवं इसके निदेशकों ने किसी कंपनी, विदेशी या घरेलू, के वाणिज्यिक एवं निजी हितों को पूरा नहीं किया है.
(इनपुट भाषा से)

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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