Bhima Koregaon Case : कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सामाजिक कार्यकर्ताओं वरवर राव, सुधा भारद्वाज और आनंद तेलतुम्बडे की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया है. उन्होंने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि इन सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत बड़ी संख्या में लोग अपनी अभिव्यक्ति को लेकर हिरासत में हैं. उनमें से किसी पर भी किसी को मारने या बंदूक रखने का आरोप नहीं है.
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तिरुवनंतपुरम के सांसद थरूर ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये ‘सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी लिटरेरी फेस्टिवल' को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत बड़ी संख्या में लोगों को केवल उनके बयानों के लिए हिरासत में रखा गया है. उन्होंने कहा, ‘जब मैं स्कूल में था, तब सीखा था कि कलम तलवार की तुलना में ज्यादा ताकतवर होती है. आज, मैंने हमारे देश, उसकी राजनीति और उसके विमर्श को देखा है। अब मैं इससे सहमत नहीं हूं.' कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें यह कहते हुए दुख हो रहा है कि अभिव्यक्ति और विचार संभवत: अपनी ताकत खो चुके है. कुछ समय के लिए सत्ता और अधिकार शब्दों को कुचल सकते हैं.
कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘हमने देखा है कि अपनी अभिव्यक्ति के लिए बड़ी संख्या में लोग हिरासत में हैं. वर्तमान में वरवर राव, वर्नोन गोंजाल्विस, सुधा भारद्वाज और आनंद तेलतुम्बडे जैसे लोग इसके उदाहरण हैं.' इनमें से किसी पर पत्थर फेंकने, किसी को मारने या बंदूक रखने या ऐसा कुछ भी करने का आरोप नहीं है. यह केवल उनके बयानों को लेकर है. अगर सरकार के अधिकार के लिए कलम को मिटा दिया जाता है, तो कलम को तलवार के बराबर कैसे खड़ा किया जाएगा.'
गौरतलब है कि एक जनवरी, 2018 को पुणे के निकट कोरेगांव भीमा में भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने में कथित संलिप्पता और माओवादियों से कथित संपर्क के लिए राव, गोंजाल्विस, भारद्वाज, तेलतुम्बडे और कुछ अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है.
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