दिल्ली की एक अदालत ने आपराधिक मानहानि मामले में पत्रकार प्रिया रमानी (Priya Ramani) को बरी कर दिया है. यौन उत्पीड़न के आरोपों पर रमानी के खिलाफ एमजे अकबर (MJ Akbar) ने मुकदमा दायर किया था. कोर्ट ने रमानी को आपराधिक मानहानि मामले में दोषी मानने से इनकार करते हुए उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया. जिसके बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कानून द्वारा महिलाओं को उचित संरक्षण दिया गया था.
स्मृति ईरानी उस समय प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही थीं, जिस समय अदालत ने प्रिया रमानी को बरी किया. इस बारे में प्रतिक्रिया पूछे जाने पर ईरानी ने कहा, 'मैंने पहले भी कहा है कि महिलाओं को उचित संरक्षण दिया गया है और कानून के रक्षक उनके बयानों के आधार पर कार्रवाई कर सकते हैं.'
मानहानि केस में प्रिया रमानी बरी : फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कही ये 6 बातें
गौरतलब है कि मानहानि मामले में फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि हमारे समाज को यह समझने में समय लगता है कि कभी-कभी पीड़ित व्यक्ति मानसिक आघात के कारण वर्षों तक नहीं बोल पाता है. महिला को यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाने के लिए दंडित नहीं किया जा सकता. महिला अक्सर सामाजिक दबाव में शिकायत नहीं कर पाती है. समाज को अपने पीड़ितों पर यौन शोषण और उत्पीड़न के प्रभाव को समझना चाहिए. सोशल स्टेटस का व्यक्ति भी यौन उत्पीड़न कर सकता है.
मैं उम्मीद करती हूं और भी महिलाएं आवाज उठाएंगी : NDTV से प्रिया रमानी
इस दौरान अदालत ने रामायण और महाभारत का भी जिक्र किया. कोर्ट ने कहा कि लक्ष्मण से जब सीता का वर्णन करने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा कि मां सीता के पैरों के अलावा उनका ध्यान कहीं और नहीं था.
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