सीताराम येचुरी दोबारा चुने गए सीपीएम के महासचिव

सीपीएम ने जहां अपने राजनीतिक प्रस्ताव में कहा है कि भाजपा विरोधी वोट की एकता को अधिकतम करने के लिये समुचित चुनावी कार्यनीति अपनायी जानी चाहिये वहीं वह कांग्रेस से किसी गठजोड़ के पक्ष में नहीं है.

सीताराम येचुरी दोबारा चुने गए सीपीएम के महासचिव

सीताराम येचुरी (फाइल फोटो)

हैदराबाद :

माकपा ने यहां आज अपनी 22वीं पार्टी कांग्रेस में सीताराम येचुरी को सर्वसम्मति से पुन: अपना महासचिव चुन लिया. इस पद के लिये दूसरी बार उनके चयन को वाम दल की हाल ही में चयनित 95 सदस्यीय केंद्रीय समिति ने स्वीकृति दी. 65 वर्षीय येचुरी ने वर्ष 2015 में विशाखापत्तनम में संपन्न 21 वीं पार्टी कांग्रेस में प्रकाश करात का स्थान लिया था और पार्टी महासचिव बने थे. माकपा ने हैदराबाद में अपनी पार्टी कांग्रेस में 95 सदस्यीय केंद्रीय समिति भी चुनी.  आपको बता दें कि सीपीएम का सम्मेलन बुधवार को हैदराबाद में शुरू हुआ था. इस सम्मेलन में पास हुए  राजनीतिक प्रस्ताव में सीपीएम ने बीजेपी को पहले राजनीतिक शत्रु माना है और कहा है, "मोदी सरकार के करीब 4 साल के अनुभव को देखते हुए यह ज़रूरी हो जाता है कि भाजपा की सरकार को शिकस्त दी जाये, ताकि हिंदुत्ववादी साम्प्रदायिक ताकतों को अलग-थलग किया जा सके और जनविरोधी आर्थिक नीतियों को पलटा जा सके."

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सीपीएम ने जहां अपने राजनीतिक प्रस्ताव में कहा है कि भाजपा विरोधी वोट की एकता को अधिकतम करने के लिये समुचित चुनावी कार्यनीति अपनायी जानी चाहिये वहीं वह कांग्रेस से किसी गठजोड़ के पक्ष में नहीं है. पार्टी का राजनीतिक प्रस्ताव कहता है कि मुख्य काम बीजेपी को हराना है लेकिन साथ में ये भी लिखा है कि ये काम "कांग्रेस पार्टी के साथ कोई समझदारी या चुनावी गठबंधन किये बिना करना होगा." 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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