नई दिल्ली:
कर्नाटक में बीमार और लाचार लोगों की पिछले 30 सालों से सेवा कर रही सिस्टर जेन भारत में ही रहेंगी। गृह मंत्रालय ने उनका परमिट हमेशा के लिए बढ़ाने के आदेश दिए हैं। गृह मंत्रालय ने माना कि सिस्टर जेन के मामले में फॉरनर रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस ने गलती की है। सामाजिक कार्यकर्ता सिस्टर जेन 1980 के दशक में ब्रिटेन से आईं और यहां लेप्रोसी के मरीजों की देखभाल में जुट गईं। भारत में रहने का उनका परमिट हर साल बढ़ता रहा लेकिन इस बार इसे नहीं बढ़ाया गया और पुलिसवाले उनके दरवाज़े पर पहुंच गए। उन्होंने सिस्टर जेन से भारत छोड़ने को कह दिया लेकिन गृह मंत्रालय के दखल के बाद अब वो यहीं रहेंगी।
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