मंदसौर में पीड़ित किसानों से मिले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, धारा 144 हटाई गई

इस बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया के मंदसौर जाते वक्त का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ता सरकार पर तंज कसते हुए नारेबाज़ी कर रहे हैं. गोली मारो, 1 करोड़ दो.

मंदसौर में पीड़ित किसानों से मिले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, धारा 144 हटाई गई

मंदसौर में किसानों से मिले शिवराज सिंह चौहान

खास बातें

  • फायरिंग में हुई थी 6 किसानों की मौत
  • कांग्रेस किसानों की महापंचायत करने वाली है
  • मध्य प्रदेश में किसान लगातार कर रहे हैं खुदकुशी
भोपाल:

मध्य प्रदेश के मंदसौर में छह किसानों की मौत के बाद सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज मंदसौर में पीड़ित किसानों से मिले. सीएम ने कहा कि वह संवेदना प्रकट करने आए थे. इसके साथ ही मंदसौर से धारा 144 हटा ली गई है. इससे पहले मुख्यमंत्री ने मृतक किसानों के परिवारों के लिए एक-एक करोड़ रुपये के मुआवज़े का ऐलान किया था, जिसे अब मंजूरी मिल गई है. इधर, इस मामले में राजनीति तेज़ होती जा रही है. कांग्रेस किसानों की महापंचायत करने वाली है. इधर, भोपाल में कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया किसानों पर पुलिस बर्बरता के खिलाफ बुधवार से 72 घंटे के सत्याग्रह पर बैठेंगे.

इस बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया के मंदसौर जाते वक्त का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ता सरकार पर तंज कसते हुए नारेबाज़ी कर रहे हैं. गोली मारो, 1 करोड़ दो. कांग्रेस का आरोप है कि सरकार मुआवज़ा नहीं दे रही है, बल्कि किसानों की जान की कीमत लगा रही है. 

मध्यप्रदेश में पिछले 24 घंटों में तीन और परेशान किसानों द्वारा आत्महत्या करने के बाद गत एक सप्ताह में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है. मंदसौर जिले में 6 मई को किसान आंदोलन के दौरान पुलिस गोलीबारी में पांच किसानों के मारे जाने के बाद प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में कई घोषणाएं करने के बावजूद भी इन पांच किसानों ने खुदकुशी की.

पिछले 24 घंटों में कर्ज में फंसे दो किसानों ने आत्महत्या की है. इनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर के रेहटी पुलिस थाना क्षेत्र के जानना गांव का किसान दुलचंद कीर :55: और होशंगाबाद जिले के भैरोपुर गांव का रहने वाला किसान कृपाराम :68: शामिल है. इनके अलावा जमीन के सीमांकन विवाद में जहर खाकर खुदकुशी करने वाला विदिशा जिले का किसान हरीसिंह जाटव :40: भी शामिल है, जिसकी कल शाम भोपाल में इलाज के दौरान मौत हो गई. सीहोर जिले का दुलचंद छह लाख रुपये के कर्ज से परेशान था और उसने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी.

रेहटी पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक पंकज गीते ने कहा, दुलचंद पर छह लाख रपये का कर्ज था, लेकिन उसने आत्महत्या क्यों की इसकी जांच की जा रही है. दुलचंद के पुत्र शेर सिंह ने कहा कि घटना के वक्त उसके पिता घर पर अकेले थे. उसने जब पिता को अचेत देखा तो वह उन्हें तुरंत रेहटी के अस्पताल में ले गया, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

शेरसिंह ने भी यह कहा कि उसके पिता पर चार लाख रुपये बैंक का तथा दो लाख रुपये अन्य स्त्रोत का कर्ज था. इससे परेशान होकर उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठाया. जिला कलेक्टर सुदाम खाड़े ने कहा कि खुदकुशी का कारण फिलहाल स्प्ष्ट नहीं है. मामले में जांच की जा रही है. होशंगाबाद जिले के सिवनी मालवा तहसील के शिवपुर पुलिस थाना क्षेत्र के भैरोपुर गांव के किसान कृपाराम ने आज सुबह पेड़ पर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. कृपाराम के परिजन ने बताया कि वह अपने कर्ज की अदायगी को लेकर व्यथित थे और उन्होंने इसको लेकर अपनी कृषि भूमि का एक हिस्सा भी बेच दिया था.

शिवपुर थाना प्रभारी मोनिष बैस ने कहा कि प्रारंभिक जानकारी मिली है कि मृतक किसान अवसाद ग्रस्त था, लेकिन फिलहाल आत्महत्या का कारण सामने नहीं आ सका है. मामले की जांच के बाद ही सही कारण मालूम हो सकेगा. विदिशा जिले के शमशाबाद पुलिस थाना क्षेत्र के गांव जीरापुर के एक अन्य परेशानहाल किसान हरीसिंह जाटव ने कीटनाशक गोलियां खा ली थीं. गंभीर हालत में जाटव को पहले विदिशा के अस्पताल में ले जाया गया बाद में उसे भोपाल में भर्ती किया गया, जहां कल रात उसकी मौत हो गई.

शमशाबाद के तहसीलदार इसरार खान ने बताया कि भूमि सीमांकन को लेकर जाटव का अपने परिवार के सदस्यों से विवाद चल रहा था. इससे पहले 8 जून को रायसेन जिले के सागोनिया गांव के किसान किशनलाल मीणा :45: ने कर्ज से परेशान होकर जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली थी. पुलिस के अनुसार, किशनलाल ने मृत्यु पूर्व अपने परिजनों को बताया कि उस पर एक निजी बैंक का 10 लाख रुपये सहित कुल 17 लाख रुपए का कर्ज था तथा वह अपनी तीन बेटियों के विवाह को लेकर भी चिंतित था.

आठ जून को ही सीहोर जिले के जोगड़खेड़ी गांव के बीएएमएस (आयुर्वेद डॉक्टर) डिग्री धारी किसान बिशन सिंह राजपूत (42) ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी. राजपूत के छोटे भाई प्रवीण राजपूत ने कहा कि भोपाल से बीएएमएस की डिग्री लेने के बाद उसका बड़ा भाई यहां खेती करने लगा लेकिन पिछले 34 साल में उसे इसमें भारी घाटा हुआ. प्रवीण ने बताया कि करीब 10 लाख रुपये के घाटे के कारण बड़े भाई ने यह आत्मघाती कदम उठाया.(इनपुट्स भाषा से भी)
 


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