मुलायम सिंह ने बेटे अखिलेश को बचाने के लिए शिवपाल को बनाया बलि का बकरा : मायावती

मुलायम सिंह ने बेटे अखिलेश को बचाने के लिए शिवपाल को बनाया बलि का बकरा : मायावती

बीएसपी प्रमुख मायावती की फाइल फोटो

खास बातें

  • बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि यूपी चुनाव में सपा हारने वाली है
  • 'हार का ठीकरा अखिलेश यादव पर ना फूटे, इसलिए शिवपाल को अध्यक्ष बनाया गया'
  • चुनावी रणनीति के तहत बीजेपी और सपा की मिलीभगत है : मायावती
लखनऊ:

समाजवादी पार्टी में पारिवारिक कलह खत्म होने के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने अपने भाई शिवपाल यादव को उत्तर प्रदेश अध्यक्ष इसलिए बना दिया, ताकि आने वाली विधानसभा चुनाव में सपा की हार का ठीकरा बेटे अखिलेश यादव पर ना फूटने पाए.

मायावती ने कहा, 'उत्तर प्रदेश में शीघ्र ही होने वाले विधानसभा चुनाव में सपा की होने वाली अवश्यंभावी हार का ठीकरा पुत्र के सिर पर फूटने से बचाने की तैयारी के क्रम में सोची समझी रणनीति के तहत सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अपने भाई को चुनाव से ठीक पहले प्रदेश सपा अध्यक्ष बना दिया.' उन्होंने आरोप लगाया कि मुलायम ने ऐसा इसलिए भी किया, ताकि सपा और परिवार में वर्चस्व को लेकर जारी संघर्ष और गृहयुद्ध की ड्रामेबाजी में मुलायम के हावी पुत्रमोह से राज्य की जनता का ध्यान बंटाया जा सके.

मायावती ने कहा कि बेटे को ही टिकट बांटने का अधिकार सौंपकर चुनाव से पहले उसकी छवि बनाने तथा उसे सपा परिवार में नंबर वन बनाने का प्रयास है. इस प्रयास में मुलायम ने भाई शिवपाल यादव को बलि का बकरा बनाकर कुर्बान कर दिया.

मायावती ने कहा कि सपा सरकार के मुखिया द्वारा पहले मंत्री को हटाना और उसे फिर मंत्री बनाने से लगता है कि दाल में कुछ काला है. लोक निर्माण विभाग मुख्यमंत्री द्वारा अपने पास ही रखने से भी कुछ गडबड नजर आती है. उन्होंने कहा कि अखिलेश को स्थापित करने के लिए पिछले दिनों सपा मुखिया ने सोची समझी रणनीति के तहत किस्म किस्म की नाटकबाजी की, जिसका पटाक्षेप जनता के सामने हो गया है.

मायावती ने कहा कि वैसे तो सपा परिवार में घमासान की घटनाएं लगातार होती रहती हैं. इसका सीधा लाभ पुत्रमोह में मुख्यमंत्री अखिलेश को हर बार देने का प्रयास किया जाता है.

उन्होंने कहा कि सपा सरकार हर मोर्चे खासकर कानून व्यवस्था के मोर्चे पर बुरी तरह विफल रही है. अब शिवपाल को बलि का बकरा बना दिया गया है, जिससे लगता है कि सपा में पारिवारिक ड्रामा सोची समझी रणनीति के तहत हुआ.

मायावती ने कहा कि अंसारी बंधु की कौमी एकता दल के सपा में विलय को लेकर भी मुलायम का पुत्रमोह सामने आया था. पहले बड़े तामझाम से विलय कराया गया, फिर पुत्र की छवि को सहारा देने के लिए उसके एक वरिष्ठ मंत्री के खिलाफ कार्रवाई कराकर अंसारी बंधु को बेइज्जत कर विलय रद्द करा दिया.

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे खनन मंत्री गायत्री प्रजापति पहले बर्खास्त करना और फिर वापस कैबिनेट में लेने से लगता है कि दाल में जरूर जबर्दस्त काला है.

मायावती ने कहा कि प्रदेश में अराजकता और जंगलराज पर केंद्र की बीजेपी सरकार की चुप्पी हैरान और परेशान करने वाली है. यह संभवत: चुनावी रणनीति के तहत बीजेपी और सपा की मिलीभगत है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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