शिवसेना ने महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को आगाह किया है कि वह लोगों को हल्के तौर पर न लें और सलाह दी कि वह आम आदमी की उम्मीदों को पूरा करें।
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में एक संपादकीय में कहा गया है, नई सरकार उस नवविवाहित महिला की तरह है, जो शुरू में अपनी सास को खुश करने के जतन करती है। इस मामले में सास हैं महाराष्ट्र के लोग। आप लोगों को हल्के तौर पर नहीं नहीं ले सकते।
'सामना' में आगे लिखा गया है, ...जब आप गलती करेंगे, तो उनके पास आपके कान खींचने की ताकत है। शिवसेना ने भगवा दलों के बीच पुनर्मिलन के संकेतों के बीच कहा कि यह पहला पाठ है, जो नई सरकार को सीखना होगा।
शिवसेना और बीजेपी ने विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले 25 सितंबर को गठबंधन तोड़कर अलग रास्ते अख्तियार कर लिए थे। चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
संपादकीय में कहा गया कि यह सच है कि (चुनाव के दौरान) किए गए वादों को पूरा करने के लिए कोई जादुई छड़ी नहीं है, लेकिन महाराष्ट्र के लोग पहली बीजेपी नीत नई सरकार की ओर काफी उम्मीद से देख रहे हैं।
शिवसेना ने कहा, कांग्रेस-एनसीपी के शासन में मंत्रालय 'खाक' हो गया था, लेकिन लोगों की आकांक्षाएं इससे काफी पहले ही 'राख' हो गई थीं। नए मुख्यमंत्री को सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका काम कहावत वाले अनल पक्षी की तरह हो, जो राख से फिर उठ खड़ा होता है।
फडणवीस के नेतृत्व वाले मंत्रालय के कल के शपथग्रहण समारोह (जिसमें कॉरपोरेट हस्तियां भी मौजूद थीं) को 'विशाल' करार देते हुए शिवसेना ने कहा कि प्रशासन के ध्यान में अमीर या धन कुबेर नहीं, बल्कि गरीब लोग होने चाहिए जैसा कि शिवाजी के युग में होता था।
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