इमरान खान के शपथग्रहण समारोह में पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने नवजोत सिंह सिद्धू को गले लगाया था.
मुंबई:
शिवसेना ने पाकिस्तान जाने और वहां के सेना प्रमुख से गले मिलने के लिए पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पर हमला बोला और इसे 'बेशर्मी की हद' बताया. शिवसेना ने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ने सिद्धू को 'गद्दार' नहीं कहा, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वालों या नोटबंदी का विरोध करने वालों को 'राष्ट्रविरोधी' करार दिया गया था. क्रिकेटर से राजनीतिज्ञ बने सिद्धू उन विशिष्ट अतिथियों में शामिल थे जो शनिवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे.
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शिवसेना ने कहा कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख को गले लगाने वाली सिद्धू की हरकत 'बेशर्मी की हद' थी जो कश्मीर में उग्रवाद का समर्थन करते रहे हैं. पार्टी ने अपने मुखपत्र 'सामना' के एक संपादकीय में कहा, 'जम्मू-कश्मीर में स्थिति और विरोध के बावजूद पाकिस्तान के दौरे को लेकर किसी ने सिद्धू को गद्दार नहीं कहा, लेकिन कुछ लोगों को नोटबंदी या मोदी की आलोचना के लिए आसानी से राष्ट्रविरोधी करार दे दिया गया.' इसमें कहा गया कि इससे पहले जब मोदी पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से गले मिले थे तब इसे 'मास्टरस्ट्रोक' कहा गया था तो 'हम केवल सिद्धू की ही आलोचना कैसे कर सकते हैं.'
संपादकीय में कहा गया कि हालांकि सिद्धू अब कांग्रेस के साथ हैं, पर वह भाजपा के साथ लंबे समय तक रहे और 'भाजपा को आत्मविश्लेषण करना चाहिए कि असल में कहां उसके 'संस्कार' कम पड़ गए.' इसमें कहा गया है, 'प्रधानमंत्री को ठोस कदम उठाने के लिए जाना जाता है और वह पाकिस्तान जाने की इच्छा रखने वाले लोगों के खिलाफ प्रतिबंध लगा सकते थे.' सिद्धू का पाकिस्तान का 'शर्मनाक' दौरा न सिर्फ कांग्रेस का विषय है बल्कि यह भारत की सुरक्षा और उसके सैनिकों के सम्मान का भी सवाल है.
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उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने कहा कि क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर और कपिल देव ने खान के शपथ समारोह में शामिल होने का आमंत्रण अस्वीकार कर दिया था लेकिन सिद्धू 'मेंढक की तरह उछलते हुए वहां चले गए और अपनी फर्जी देशभक्ति उजागर कर दी.' शिवसेना ने कहा कि पंजाब के मंत्री को अगर पाकिस्तान से इतना ही प्यार है तो उन्हें वहीं से चुनाव लड़ना चाहिए. पार्टी ने दावा किया 'उन्हें तो इमरान की पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के एक सांसद ने वहां से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव भी दिया है.'
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इमरान खान की आलोचना करते हुए पार्टी ने कहा है कि इमरान ने ही भारत पाकिस्तान क्रिकेट मैचों के दौरान 'धर्मयुद्ध' का माहौल बना दिया था और भारत के खिलाफ कई भाषण दिए थे. पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री पद पर इमरान के आने से भारत का 'सिरदर्द' बढ़ेगा. शिवसेना ने संपादकीय में लिखा है 'इमरान के प्रधानमंत्री बनने से फायदा किसे हो रहा है? वह तो केवल मुखौटा हैं, असली सत्ता तो पाकिस्तान की सेना के पास है. इस संदर्भ में सिद्धू का पाक सेना प्रमुख को गले लगाना एक अपराध है.' पार्टी ने यह भी कहा है कि अगर सिद्धू सच्चे देशभक्त होते तो वह पाकिस्तान नहीं जाते और वहां के सेना प्रमुख को गले तो कतई नहीं लगाते.
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शिवसेना ने कहा कि शशि थरूर और मणिशंकर अय्यर जैसे कांग्रेस के नेताओं ने राहुल गांधी के लिए असहज स्थिति पैदा की और अब वही सिद्धू ने किया है.
(इनपुट : भाषा)
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शिवसेना ने कहा कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख को गले लगाने वाली सिद्धू की हरकत 'बेशर्मी की हद' थी जो कश्मीर में उग्रवाद का समर्थन करते रहे हैं. पार्टी ने अपने मुखपत्र 'सामना' के एक संपादकीय में कहा, 'जम्मू-कश्मीर में स्थिति और विरोध के बावजूद पाकिस्तान के दौरे को लेकर किसी ने सिद्धू को गद्दार नहीं कहा, लेकिन कुछ लोगों को नोटबंदी या मोदी की आलोचना के लिए आसानी से राष्ट्रविरोधी करार दे दिया गया.' इसमें कहा गया कि इससे पहले जब मोदी पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से गले मिले थे तब इसे 'मास्टरस्ट्रोक' कहा गया था तो 'हम केवल सिद्धू की ही आलोचना कैसे कर सकते हैं.'
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे.
संपादकीय में कहा गया कि हालांकि सिद्धू अब कांग्रेस के साथ हैं, पर वह भाजपा के साथ लंबे समय तक रहे और 'भाजपा को आत्मविश्लेषण करना चाहिए कि असल में कहां उसके 'संस्कार' कम पड़ गए.' इसमें कहा गया है, 'प्रधानमंत्री को ठोस कदम उठाने के लिए जाना जाता है और वह पाकिस्तान जाने की इच्छा रखने वाले लोगों के खिलाफ प्रतिबंध लगा सकते थे.' सिद्धू का पाकिस्तान का 'शर्मनाक' दौरा न सिर्फ कांग्रेस का विषय है बल्कि यह भारत की सुरक्षा और उसके सैनिकों के सम्मान का भी सवाल है.
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उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने कहा कि क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर और कपिल देव ने खान के शपथ समारोह में शामिल होने का आमंत्रण अस्वीकार कर दिया था लेकिन सिद्धू 'मेंढक की तरह उछलते हुए वहां चले गए और अपनी फर्जी देशभक्ति उजागर कर दी.' शिवसेना ने कहा कि पंजाब के मंत्री को अगर पाकिस्तान से इतना ही प्यार है तो उन्हें वहीं से चुनाव लड़ना चाहिए. पार्टी ने दावा किया 'उन्हें तो इमरान की पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के एक सांसद ने वहां से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव भी दिया है.'
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इमरान खान की आलोचना करते हुए पार्टी ने कहा है कि इमरान ने ही भारत पाकिस्तान क्रिकेट मैचों के दौरान 'धर्मयुद्ध' का माहौल बना दिया था और भारत के खिलाफ कई भाषण दिए थे. पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री पद पर इमरान के आने से भारत का 'सिरदर्द' बढ़ेगा. शिवसेना ने संपादकीय में लिखा है 'इमरान के प्रधानमंत्री बनने से फायदा किसे हो रहा है? वह तो केवल मुखौटा हैं, असली सत्ता तो पाकिस्तान की सेना के पास है. इस संदर्भ में सिद्धू का पाक सेना प्रमुख को गले लगाना एक अपराध है.' पार्टी ने यह भी कहा है कि अगर सिद्धू सच्चे देशभक्त होते तो वह पाकिस्तान नहीं जाते और वहां के सेना प्रमुख को गले तो कतई नहीं लगाते.
VIDEO: पाक आर्मी चीफ से गले लगकर फंस गए 'गुरु'!
शिवसेना ने कहा कि शशि थरूर और मणिशंकर अय्यर जैसे कांग्रेस के नेताओं ने राहुल गांधी के लिए असहज स्थिति पैदा की और अब वही सिद्धू ने किया है.
(इनपुट : भाषा)
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