तालिबान से अलग हुए एक गुट की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी मिलने के चंद दिनों बाद भारतीय जनता पार्टी के पूर्व गठबंधन सहयोगी शिवसेना ने हिन्दुत्व वाले रुख पर प्रधानमंत्री का समर्थन करते हुए आतंकवादी संगठन को उनके रास्ते में ना आने की चेतावनी दी।
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में आज के संपादकीय में लिखा है, 'तालिबान को प्रधानमंत्री मोदी के रास्ते में नहीं आना चाहिए। उसी में उनकी भलाई है। हम अपने प्रधानमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ करेंगे।'
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने गुरुवार को ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से कहा था कि वे केंद्रीय मंत्रिपरिषद् के लिए अपनी पार्टी से दो लोगों का नाम सुझाएं, जिन्हें रविवार को होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान शामिल किया जाए।
शिवसेना का कहना है, 'प्रधानमंत्री मोदी तालिबान की हिट लिस्ट में शामिल हैं, क्योंकि वह हिन्दुत्व के प्रबल समर्थक हैं। उन्होंने शपथ-ग्रहण के बाद गंगा तट पर आरती करके हिन्दूत्व के प्रति अपने समर्थन को प्रदर्शित किया।' उसका कहना है कि प्रधानमंत्री मुसलमानों के खिलाफ नहीं हैं, बस उनके साथ होने वाले विशेष व्यवहार के विरुद्ध हैं।
मोदी ने पिछले सप्ताह पाकिस्तान की सीमा में 'वाघा बॉर्डर' पर हुए विस्फोट की निंदा की जिसमें करीब 60 लोग मारे गए थे। बाद में आतंकवादी संगठन ने मोदी को धमकी देते हुए कहा कि वह गुजरात और कश्मीर में मुसलमानों की हत्याओं का बदला लेगा।
शिवसेना ने कहा कि यह काफी अजीब है कि तालिबान भारत में मुसलमानों की हत्या की निंदा कर रहा है, जबकि वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान में क्रूरता से लोगों की जान ले रहा है।
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