शिवसेना ने एक मॉडल के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप का सामना कर रहे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सुनील पारस्कार के समर्थन में उतरते हुए कहा कि पुरुषों पर बलात्कार का आरोप लगाना आज फैशन बन गया है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में कहा है, रसूखदार सोसायटी में प्रचार के लिए पुरुषों पर छेड़छाड़ और बलात्कार के आरोप बढ़ रहे हैं। यह लगभग फैशन बन गया है।
शिवसेना ने कहा, उन्होंने पुलिस बल में इतने साल सेवाएं दीं और अब एक मॉडल ने डीआईजी सुनील पारस्कर पर बलात्कार का आरोप लगा दिया। वह रातों-रात खलनायक बन गए। निजी दुश्मनी भुनाने के लिए ऐसे आरोप अच्छे हथियार बन गए हैं। सामना में कहा गया है, शर्मनाक निर्भया हादसे के बाद नए कानून बनाए गए, लेकिन क्या बलात्कार के मामले कम हुए?
मुखपत्र में कहा गया है, जब सच सामने आना है, तब आएगा। लेकिन तब तक मीडिया ट्रायल जारी रहेगा और आरोपी का मनोबल गिर जाएगा। संपादकीय में कहा गया है, देश के सभी कानून महिलाओं का पक्ष लेते हैं, ऐसे में कोई भी, किसी के भी खिलाफ किसी भी तरह का आरोप लगा सकता है। न्याय प्रणाली को अपनी आंखें खोलनी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि बेकसूर लोगों को न्याय मिले।
शिवसेना के मुखपत्र में डीआईजी के खिलाफ बलात्कार के आरोप लगाने के मॉडल के इराद पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि दोनों के बीच अब तक सब ठीक चल रहा था। मुखपत्र में कहा गया है, मॉडल की पृष्ठभूमि क्या है? उसने अचानक बलात्कार का आरोप कैसे लगा दिया, जबकि उनके बीच अब तक सब ठीक चल रहा था? यह सवाल आम आदमी के दिमाग में आ रहे हैं, लेकिन लगता है कि पुलिस की जांच में इसकी अनदेखी की जा रही है। इसमें मामला दर्ज करने में विलंब पर सवाल करते हुए कहा गया है कि जिस महिला को यह प्रताड़ना मिली हो, वह न्याय पाने के लिए इतना इंतजार नहीं करेगी।
शिवसेना ने कहा, मॉडल ने छह माह बाद आरोप दर्ज कराए... हमें याद करना होगा कि शक्ति मिल में हुई बलात्कार की घटना के बाद पीड़ित ने कुछ ही घंटे में अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। कोई भी महिला अपने साथ यह अमानवीय सलूक एक मिनट भी बर्दाश्त नहीं करेगी। वह तत्काल शिकायत दर्ज कराएगी। पार्टी ने यह भी कहा कि मामले के तथ्यों को जितनी जल्दी हो, जनता के सामने लाना चाहिए।
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