शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने सोमवार को केंद्र सरकार द्वारा गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में की गई प्रति क्विंटल 50 रूपये की वृद्धि को खारिज कर दिया. बादल ने इस वृद्धि को यह कहते हुए ‘बिल्कुल अपर्याप्त' करार दिया कि यह अपनी उपज के उचित मूल्य के लिये पहले से संघर्ष कर रहे किसानों के लिए ‘बड़ी निराशा' के रूप में सामने आया है . शिअद प्रमुख ने कहा कि केंद्र द्वारा अन्य फसलों के लिए घोषित न्यूतनम समर्थन मूल्य इन फसलों की खरीद के पक्के आश्वासन के अभाव में ‘बेमतलब‘ हैं.
उन्होंने कहा कि एमएसपी में वृद्धि से तो डीजल समेत अन्य लागत के बढ़े हुए दाम की भरपाई भी नहीं होगी. इस बीच, केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के कुछ दिन बाद पार्टी की नेता हरसिमरत कौर ने सोमवार को कहा कि पंजाब में किसान भारतीय कपास निगम (सीसीआई) द्वारा खरीद नहीं किये जाने के कारण अपना कपास न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम में बेचने को बाध्य हैं . उधर, बादल की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला और उसने उनसे ‘ससंद से जबरन पारित कराये गये विधेयकों को' मंजूरी नहीं देने की अपील की.
राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के बाद बादल ने कहा, ‘‘हमने उनसे मुश्किल में घिरे किसानों, कृषि और मंडी श्रमिकों के साथ खड़े होने की अपील की. हमने उनसे इन विधेयकों को संसद के पास पुनर्विचार के भेजने का अनुरोध किया ....'' बठिंडा से प्राप्त समाचार के अनुसार शिअद ने यह दावा करते हुए सीसीआई और पंजाब की कांग्रेस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया कि किसान एमएसपी के काफी नीचे के दाम पर कपास बेचने के लिए बाध्य हैं.
VIDEO: मैं उस कानून का हिस्सा नहीं हो सकती जो किसान विरोधी हो : हरसिमरत कौर बादल
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं