प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने 19 अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी कर सभी एयरलाइंस को कहा है कि वो शिमला के लिए विमान सेवा शुरू करें, लेकिन कोर्ट इसमें कोई आदेश जारी कर दे तो और भी अच्छा होगा। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि केंद्र सरकार हनुमान की तरह है, जिसे जागृत न किया जाए, तो उसकी शक्तियों का अहसास नहीं होता।
एयर इंडिया के पास नहीं है अतिरिक्त 44 सीटर विमान
सुप्रीम कोर्ट ने 4 मई तक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को यह बताने के लिए कहा है कि कौन सी एयरलाइंस शिमला के लिए विमान सेवा शुरू कर रही है और अगर नहीं कर रही तो क्यों? सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एयर इंडिया की ओर से कहा गया कि शिमला में लैंड करने के लिए 44 सीटर विमान चाहिए। एयर इंडिया के पास ऐसे तीन विमान हैं। पहला खराब है, दूसरा अंडमान निकोबार के लिए है और तीसरा लक्षद्वीप के लिए है। ऐसे में शिमला के लिए अतिरिक्त विमान नहीं है, तो संभव नहीं हो पाएगा।
स्पाइसजेट के पास कोई नहीं है छोटा विमान
स्पाइसजेट ने कहा कि उनके पास कोई छोटा विमान नहीं है। दरअसल, एयर इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में शिमला हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है जिसमें शिमला में विमान सेवा शुरू करने को कहा था। शिमला को सरकार ने कैटेगरी 2 में रखा है, जहां पर विमान सेवा कम जाती है। कैटेगरी 1 में मेट्रो सिटी आते हैं। डीजीसीए की गाइडलाइंस के मुताबिक कैटेगरी 2 में कम से कम दस फीसदी विमान सेवा होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सवाल भी उठाया था कि वो विमान सेवा के लिए सेक्टर कैसे तय करते हैं।
एयर इंडिया के पास नहीं है अतिरिक्त 44 सीटर विमान
सुप्रीम कोर्ट ने 4 मई तक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को यह बताने के लिए कहा है कि कौन सी एयरलाइंस शिमला के लिए विमान सेवा शुरू कर रही है और अगर नहीं कर रही तो क्यों? सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एयर इंडिया की ओर से कहा गया कि शिमला में लैंड करने के लिए 44 सीटर विमान चाहिए। एयर इंडिया के पास ऐसे तीन विमान हैं। पहला खराब है, दूसरा अंडमान निकोबार के लिए है और तीसरा लक्षद्वीप के लिए है। ऐसे में शिमला के लिए अतिरिक्त विमान नहीं है, तो संभव नहीं हो पाएगा।
स्पाइसजेट के पास कोई नहीं है छोटा विमान
स्पाइसजेट ने कहा कि उनके पास कोई छोटा विमान नहीं है। दरअसल, एयर इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में शिमला हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है जिसमें शिमला में विमान सेवा शुरू करने को कहा था। शिमला को सरकार ने कैटेगरी 2 में रखा है, जहां पर विमान सेवा कम जाती है। कैटेगरी 1 में मेट्रो सिटी आते हैं। डीजीसीए की गाइडलाइंस के मुताबिक कैटेगरी 2 में कम से कम दस फीसदी विमान सेवा होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सवाल भी उठाया था कि वो विमान सेवा के लिए सेक्टर कैसे तय करते हैं।
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