कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने रविवार को एक साथ कई ट्वीट करके पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama Memoir) के आगामी संस्करण 'A Promised Land' के बारे में टिप्पणियां कीं. उनका यह ट्वीट ओबामा के इस संस्करण में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के जिक्र के बाद आया है. पिछले हफ्ते बराक ओबामा की इस किताब में राहुल पर एक टिप्पणी के चलते बहस छिड़ गई थी. बराक ओबामा की किताब के कुछ एक्सर्प्ट सामने आए हैं, जिसके मुताबिक ओबामा ने अपनी किताब में राहुल गांधी का जिक्र करते हुए उन्हें एक 'नर्वस नेता' बताया है.
इसपर ट्वीट करते हुए शशि थरूर ने लिखा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने 'मनमोहन सिंह की लंबी तारीफ' की है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेकर जिक्र भी नहीं है. थरूर ने बताया कि उनके पास ओबामा की दो हिस्सों में आ रहे इस संस्मरण के पहले पार्ट की एडवांस कॉपी है और उन्होंने इंडेक्स में भारत का जहां-जहां जिक्र है, वो सारे पेज पढ़ लिए हैं.
उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, 'बड़ी खबर : ज्यादा कुछ कहने को नही है. उससे भी बड़ी खबर : पूरे 902 पेज में नरेंद्र मोदी का एक बार भी नाम लेकर जिक्र नहीं है.' उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'मनमोहन सिंह की तारीफ की गई है, जिसमें उन्हें 'बुद्धिमान, विचारपूर्ण और ईमानदार' 'असामान्य तौर पर ज्ञानी और शालीन व्यक्ति' बताया गया है, जिनके साथ उनके 'जोशीले और फलदायक संबंध' रहे, हालांकि, मनमोहन सिंह अपनी विदेश नीति को लेकर बहुत ही सजग रहते थे, उनके प्रति दूसरों का सम्मान दिखता है.'
2. Huge praise for Dr ManMohan Singh who is warmly described as "wise, thoughtful, &scrupulously honest", "a man of uncommon wisdom& decency" with whom he enjoyed "a warm & productive relationship" though MMS was "cautious in foreign policy". His regard & respect shine through.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) November 15, 2020
थरूर ने किताब की कुछ पंक्तियों लिखी हैं- राष्ट्रपति ओबामा को 'हिंसक प्रवृत्ति, लालच, भ्रष्टाचार, राष्ट्रवाद, नस्लभेद और धार्मिक असहिष्णुता की चिंता होती है. वो बस इंतजार में बैठे हैं, ताकि जब भी ग्रोथ रेट घटे, या फिर डेमोग्राफी बदले या फिर कोई करिश्माई नेता लोगों के डर की लहर पर सवार होकर उभरे, और वो सामने आ सकें. और मैं चाहे कितना भी इसका उलट चाहता था, इन हालातों में महात्मा गांधी कहीं नहीं थे.'
4."They seemed to lie in wait everywhere, ready to resurface whenever growth rates stalled or demographics changed or a charismatic leader chose to ride the wave of people's fears &resentments. And as much as I might have wished otherwise, there was no Mahatma Gandhi around".
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) November 15, 2020
थरूर ने अपने अगले ट्वीट में लिखा है, 'यह सोचना मुश्किल है कि जो संघी इस संस्मरण की एक लाइन को लेकर सोशल मीडिया पर इतनी खुशी मना रहे हैं, इन विचारों से कितना सुकून पाएंगे. इन लाइनों से साफ हो जाता है कि संस्मरण के दूसरे हिस्से में मनमोहन सिंह के बाद के भारत का जिक्र किस तरह किया गया है.'
5. Difficult to imagine that theSanghis who have been rejoicing on social media about one sentence in the memoir will draw much comfort from these reflections. They offer a foretaste of what Vol.2 is likely to tell us about India in a post-Manmohan Singh era, when Obama returned.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) November 15, 2020
बता दें कि न्यूयॉर्क टाइम्स में पिछले हफ्ते इस संस्मरण के कुछ एक्सर्प्ट में राहुल गांधी पर की गई टिप्पणी को लेकर बीजेपी ने कई तंज कसे थे. ओबामा ने कहा है कि 'राहुल गांधी उस छात्र जैसे लगते हैं जैसे कि उसने अपना कोर्सवर्क पूरा कर लिया हो और टीचर को खुश करना चाहता हो, लेकिन असल उसकी विषय पर पूरी पकड़ न हो.'
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