कई देशों में बोइंग 737 मैक्स की उड़ान पर रोक, भारत में अब भी चल रही है निगरानी

कई देशों और डेढ़ दर्जन से ज़्यादा एयरलाइन्स ने बोइंग 737 मैक्स की उड़ानों पर रोक लगा दी है. भारत में रोक नहीं फिलहाल निगरानी ही चल रही है. 

कई देशों में बोइंग 737 मैक्स की उड़ान पर रोक, भारत में अब भी चल रही है निगरानी

बोइंग 737 पर भारत में रोक नहीं फिलहाल निगरानी ही चल रही है. 

नई दिल्ली :

क्या बोइंग 737 मैक्स विमान मुसाफ़िरों की सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक हैं. इथियोपिया में हुए विमान हादसे के बाद ये सवाल नए सिरे से खड़ा हो गया है. इसके पहले अक्टूबर 2018 में जकार्ता में ये विमान हादसे का शिकार हुआ. तो छह महीने के भीतर इस विमान की वजह से 346 लोग अपनी जान गवां चुके हैं. अब कई देशों और डेढ़ दर्जन से ज़्यादा एयरलाइन्स ने बोइंग 737 मैक्स की उड़ानों पर रोक लगा दी है. भारत में रोक नहीं फिलहाल निगरानी ही चल रही है. रविवार को इथियोपिया एयरलाइन्स के बोइंद 737 मैक्स ने उड़ान भरी और हादसे की चपेट में आ गया. 157 लोग नहीं रहे. अब इस विमान को लेकर दुनिया भर में सवाल उठ रहे हैं. चीन, इंडोनेशिया, सिंगापुर, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया सरीखे देशों की करीब 20 एयरलाइन्स कंपनी ने इस मॉडल के जहाज़ की उड़ानें रोक दीं. लेकिन भारत सरकार अभी नजर ही रखे हुए हैं.

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नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने कहा कि डीजीसीए पूरी गंभीरता मामले की निगरानी कर रहा है. डीजीसीए बोइंग और फ़ेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) के भी संपर्क में है. साथ ही दूसरे देशों द्वारा उठाये गए कदम पर भी नज़र है. दुनियाभर में बोइंग 737 मैक्स के उड़ने वाले करीब 136 जहाज़ों में से हाल के हुए क्रैश के बाद से लगभग 80 ग्राउंडेड हैं. जेट एयरवेज के 5 और स्पाइस जेट पास 12 बोइंग 737 हैं. जेट एयरवेज के ये जहाज़ कुछ वक़्त पहले से ही ग्रोउंडेड हैं. वहीं स्पाइस जेट ने तर्क दिया कि बोइंग 737 मैक्स बहुत ही आधुनिक विमान है. इसने दुनिया भर में लाखों घंटों की उड़ान भरी है और दुनिया की कुछ सबसे बड़ी एयरलाइन्स इस विमान को उड़ा रही हैं. हमलोग बोइंग और डीजीसीए के संपर्क में हैं और हमेशा से सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है. हमने कल के डीजीसीए के निर्देश के मुताबिक सुझाये गए तमाम एहतियातन कदम उठाए हैं. लेकिन जानकार इसे काफ़ी नहीं मानते.

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सिविल एविएशन विशेषज्ञ हर्षवर्धन कहते हैं कि डीजीसीए कल के अपने स्टेटमेंट में पायलट के तजुर्बे की बात पर ज़ोर डाल रही है पर जो हादसा हुआ है उसके पायलट काफी तजुर्बे वाले थे. ऐसे में कहीं न कहीं मैकेनिज्म में कोई प्रॉब्लम है. जब तक उस कारण को ढूंढ नहीं लेते तब तक उस जहाज़ को उड़ाना सेफ्टी के साथ कोम्प्रोमाईज़ है. भारत में उड़ने वाले बोइंग 737 मैक्स को लेकर डीजीसीए की नज़र भी है और आखिरी फैसला भी लेना है. 

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