सातवां वेतन आयोग लागू होने से केंद्रीय कर्मचारियों को हुआ लाभ
नई दिल्ली:
देश में करीब 47 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और करीब 53 लाख पेंशनधारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों और सरकार द्वारा किए गए बदलावों के बाद बढ़ी हुई सैलरी मिल गई है. सरकार ने 60 प्रतिशत से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों का एरियर भी दे दिया है, लेकिन अभी भी अधिकारीगण का एरियर नहीं दिया गया.
जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाले राजपत्रित अधिकारियों को अभी भी सातवें वेतन आयोग के तहत घोषित एरियर नहीं मिला है. सूत्र बता रहे हैं कि सरकारी वेबसाइट पर एरियर की डिटेल पहले डाल दी गई थीं, कर्मचारी संतुष्ट थे, लेकिन सरकार ने बाद में यह सारी जानकारी वेबसाइट से हटा दी और तभी से सभी को इंतजार था 31 अगस्त का जब बढ़ी हुई सैलरी के साथ एरियर भी खाते में आना था, लेकिन अधिकारी वर्ग को छोड़कर सभी के खातों में सैलरी के साथ-साथ एरियर भी आ गया. (सातवां वेतन आयोग : बन गई हर जरूरी समिति, कर्मचारी यूनियन नेताओं से शुरू हुआ बातचीत का दौर)
सरकारी वेबसाइट पर डाली गई थी एरियर की रकम
इस बारे में जानकारी देते हुए सूत्रों का कहना है कि कुछ अनोमली (विसंगतियां) देखी गई होंगी. जिसके बाद सरकार ने ऐसा करने का निर्णय लिया होगा. सूत्रों का कहना है कि सारी प्रक्रिया पर अनोमली दूर करने के लिए बनी समिति नजर रखे है और जल्द ही मामला सुलझा लिया जाएगा और इस महीने के अंत में अधिकारियों को भी एरियार दे दिया जाएगा. कहा जा रहा है कि सरकार जल्द ही इस साइट पर इस जुड़ी जानकारी अपने अधिकारियों से शेयर करेगी.
अधिकारियों को नहीं मिलता बोनस
नाराज सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि कई सरकारी विभागों में अधिकारियों की कोई यूनियन नहीं है और नियमों को तहत ऐसा करने की छूट भी नहीं है. यहीं वजह है कि सरकार अधिकारी वर्ग को कोई बोनस नहीं देती है.
इंटरनेट पर पिछले कुछ महीनों में सातवां वेतन आयोग, उसकी रिपोर्ट, वेतनमान आदि पर खूब सर्च हुआ. 29 जून के मोदी कैबिनेट के रिपोर्ट को कुछ संशोधनों के साथ स्वीकारने के फैसले के बाद से लोगों में इसको लेकर उत्सुकता बढ़ी थी.
सातवें वेतन आयोग के हिसाब से वेतन, भत्ता और एरियर देने के लिए सभी केंद्रीय कर्मचारियों के साथ इससे पहले सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी. सभी विभागों ने अपने-अपने कर्मचारियों को उनके वेतनमान के अनुरूप पे-स्लिप दे दी थी. यह प्रक्रिया अगस्त में पहले सप्ताह से तीसरे सप्ताह के बीच पूरी कर ली गई थी.
बैठा दिए गए एनोमलीज बोर्ड
जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार कुछ एनोमलीज की शिकायत के बाद सभी संबंधित विभागों ने अपने-अपने बोर्ड बैठा दिए हैं. इनके माध्यम से सभी की शिकायतों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.
पूरा एरियर एक ही किश्त में देने का किया गया था ऐलान
सातवें वेतन आयोग (पे कमिशन) की सिफारिशों को लागू करने से संबंधित गजट नोटिफिकेशन सरकार ने 27 जुलाई को जारी कर दिया था. सरकार की ओर से केंद्रीय कर्मचारियों को पहले ही साफ कर दिया गया था कि उनका पूरा एरियर एक ही किश्त में मिल जाएगा. सभी कर्माचारियों को इसका इंतजार था. गौरतलब है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को 1 जनवरी 2016 से लागू की गई हैं और सभी कर्मचारियों को अगस्त महीने के वेतन के साथ ही उनका पूरा एरियर भी देने की सरकार ने कोशिश की है. पहले सरकार की ओर से कहा गया था कि इसी वित्तवर्ष में यानी 2016-17 में वेतन बकाया का एरियर दिया जाएगा. लेकिन बाद में सरकार ने अपने निर्णय में तब्दीली की और एक मुश्त एरियर देने का ऐलान किया.
सरकार पहले ही 7वें वेतन आयोग (7th pay commission) की सिफारिशों को अधिसूचित कर चुकी है. इसके मुताबिक सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन में 2.57 गुना वृद्धि होगी. सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की कुल संख्या करीब एक करोड़ है. वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से अमल में आएंगी.
नए वेतन ढांचे में 125 प्रतिशत का महंगाई भत्ता शामिल होगा
वित्त मंत्रालय ने कहा था कि 1 जनवरी 2016 से दिए जाने वाले नए वेतन ढांचे में 125 प्रतिशत का महंगाई भत्ता शामिल है. यह महंगाई भत्ता पुराने वेतन का हिस्सा है. नए वेतनमानों के साथ महंगाई भत्ते की पहली किस्त के बारे में घोषणा बाद में की जाएगी. वित्त मंत्रालय के वक्तव्य में कहा गया था कि जीपीएफ और एनपीएस के मद में जरूरी समायोजन करते हुए 1 जनवरी 2016 से लेकर अब तक के बकाये वेतन का भुगतान अगस्त के वेतन के साथ एकमुश्त नकद कर दिया जाएगा.
कर्मचारी संगठन वेतन आयोग की न्यूनतम वेतनमान की सिफारिशों से अब भी नाराज
वेतन आयोग (पे कमीशन) की रिपोर्ट लागू करने का रास्ता इतना आसान नहीं है. कई कर्मचारी संगठन वेतन आयोग की न्यूनतम वेतनमान की सिफारिशों से नाराज थे और अब भी नाराज हैं. इसके लिए सरकार द्वारा बनाई गई अनोमली कमेटी के साथ कर्मचारी नेताओं की बैठक और सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल की धमकी दे चुके हैं. सरकार से इस विषय को लेकर लिखित आश्वासन के बाद कर्मचारी संगठनों से हड़ताल पर जाने के निर्णय को चार महीने के लिए टाल दिया था.
सरकार ने मुद्दे के समाधान के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दिया है. कर्मचारी संगठनों की मांग है कि न्यूनतम वेतनमान 18000 रुपये से बढ़ाकर 26000 कर दिया जाए. वहीं, सरकारी सूत्रों का कहना है कि सरकार न्यूनतम वेतनमान को 22-23000 रुपये तक बढ़ा सकती है.
30 अगस्त को सालाना बोनस की हुई घोषणा
केंद्र सरकार ने करीब 33 लाख कर्मचारियों के लिए 30 अगस्त को सालाना बोनस की घोषणा की थी, जो पिछले दो सालों से बकाया था. इस बारे में केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा, "केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 2014-15 और 2015-16 का बोनस संशोधित मानदंडों के आधार पर जारी किया जाएगा. यह दो सालों से बकाया था. इसके बाद बोनस को सातवें वेतन आयोग के तहत दिया जाएगा."
जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाले राजपत्रित अधिकारियों को अभी भी सातवें वेतन आयोग के तहत घोषित एरियर नहीं मिला है. सूत्र बता रहे हैं कि सरकारी वेबसाइट पर एरियर की डिटेल पहले डाल दी गई थीं, कर्मचारी संतुष्ट थे, लेकिन सरकार ने बाद में यह सारी जानकारी वेबसाइट से हटा दी और तभी से सभी को इंतजार था 31 अगस्त का जब बढ़ी हुई सैलरी के साथ एरियर भी खाते में आना था, लेकिन अधिकारी वर्ग को छोड़कर सभी के खातों में सैलरी के साथ-साथ एरियर भी आ गया. (सातवां वेतन आयोग : बन गई हर जरूरी समिति, कर्मचारी यूनियन नेताओं से शुरू हुआ बातचीत का दौर)
सरकारी वेबसाइट पर डाली गई थी एरियर की रकम
इस बारे में जानकारी देते हुए सूत्रों का कहना है कि कुछ अनोमली (विसंगतियां) देखी गई होंगी. जिसके बाद सरकार ने ऐसा करने का निर्णय लिया होगा. सूत्रों का कहना है कि सारी प्रक्रिया पर अनोमली दूर करने के लिए बनी समिति नजर रखे है और जल्द ही मामला सुलझा लिया जाएगा और इस महीने के अंत में अधिकारियों को भी एरियार दे दिया जाएगा. कहा जा रहा है कि सरकार जल्द ही इस साइट पर इस जुड़ी जानकारी अपने अधिकारियों से शेयर करेगी.
अधिकारियों को नहीं मिलता बोनस
नाराज सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि कई सरकारी विभागों में अधिकारियों की कोई यूनियन नहीं है और नियमों को तहत ऐसा करने की छूट भी नहीं है. यहीं वजह है कि सरकार अधिकारी वर्ग को कोई बोनस नहीं देती है.
इंटरनेट पर पिछले कुछ महीनों में सातवां वेतन आयोग, उसकी रिपोर्ट, वेतनमान आदि पर खूब सर्च हुआ. 29 जून के मोदी कैबिनेट के रिपोर्ट को कुछ संशोधनों के साथ स्वीकारने के फैसले के बाद से लोगों में इसको लेकर उत्सुकता बढ़ी थी.
सातवें वेतन आयोग के हिसाब से वेतन, भत्ता और एरियर देने के लिए सभी केंद्रीय कर्मचारियों के साथ इससे पहले सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी. सभी विभागों ने अपने-अपने कर्मचारियों को उनके वेतनमान के अनुरूप पे-स्लिप दे दी थी. यह प्रक्रिया अगस्त में पहले सप्ताह से तीसरे सप्ताह के बीच पूरी कर ली गई थी.
बैठा दिए गए एनोमलीज बोर्ड
जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार कुछ एनोमलीज की शिकायत के बाद सभी संबंधित विभागों ने अपने-अपने बोर्ड बैठा दिए हैं. इनके माध्यम से सभी की शिकायतों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.
पूरा एरियर एक ही किश्त में देने का किया गया था ऐलान
सातवें वेतन आयोग (पे कमिशन) की सिफारिशों को लागू करने से संबंधित गजट नोटिफिकेशन सरकार ने 27 जुलाई को जारी कर दिया था. सरकार की ओर से केंद्रीय कर्मचारियों को पहले ही साफ कर दिया गया था कि उनका पूरा एरियर एक ही किश्त में मिल जाएगा. सभी कर्माचारियों को इसका इंतजार था. गौरतलब है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को 1 जनवरी 2016 से लागू की गई हैं और सभी कर्मचारियों को अगस्त महीने के वेतन के साथ ही उनका पूरा एरियर भी देने की सरकार ने कोशिश की है. पहले सरकार की ओर से कहा गया था कि इसी वित्तवर्ष में यानी 2016-17 में वेतन बकाया का एरियर दिया जाएगा. लेकिन बाद में सरकार ने अपने निर्णय में तब्दीली की और एक मुश्त एरियर देने का ऐलान किया.
सरकार पहले ही 7वें वेतन आयोग (7th pay commission) की सिफारिशों को अधिसूचित कर चुकी है. इसके मुताबिक सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन में 2.57 गुना वृद्धि होगी. सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की कुल संख्या करीब एक करोड़ है. वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से अमल में आएंगी.
नए वेतन ढांचे में 125 प्रतिशत का महंगाई भत्ता शामिल होगा
वित्त मंत्रालय ने कहा था कि 1 जनवरी 2016 से दिए जाने वाले नए वेतन ढांचे में 125 प्रतिशत का महंगाई भत्ता शामिल है. यह महंगाई भत्ता पुराने वेतन का हिस्सा है. नए वेतनमानों के साथ महंगाई भत्ते की पहली किस्त के बारे में घोषणा बाद में की जाएगी. वित्त मंत्रालय के वक्तव्य में कहा गया था कि जीपीएफ और एनपीएस के मद में जरूरी समायोजन करते हुए 1 जनवरी 2016 से लेकर अब तक के बकाये वेतन का भुगतान अगस्त के वेतन के साथ एकमुश्त नकद कर दिया जाएगा.
कर्मचारी संगठन वेतन आयोग की न्यूनतम वेतनमान की सिफारिशों से अब भी नाराज
वेतन आयोग (पे कमीशन) की रिपोर्ट लागू करने का रास्ता इतना आसान नहीं है. कई कर्मचारी संगठन वेतन आयोग की न्यूनतम वेतनमान की सिफारिशों से नाराज थे और अब भी नाराज हैं. इसके लिए सरकार द्वारा बनाई गई अनोमली कमेटी के साथ कर्मचारी नेताओं की बैठक और सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल की धमकी दे चुके हैं. सरकार से इस विषय को लेकर लिखित आश्वासन के बाद कर्मचारी संगठनों से हड़ताल पर जाने के निर्णय को चार महीने के लिए टाल दिया था.
सरकार ने मुद्दे के समाधान के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दिया है. कर्मचारी संगठनों की मांग है कि न्यूनतम वेतनमान 18000 रुपये से बढ़ाकर 26000 कर दिया जाए. वहीं, सरकारी सूत्रों का कहना है कि सरकार न्यूनतम वेतनमान को 22-23000 रुपये तक बढ़ा सकती है.
30 अगस्त को सालाना बोनस की हुई घोषणा
केंद्र सरकार ने करीब 33 लाख कर्मचारियों के लिए 30 अगस्त को सालाना बोनस की घोषणा की थी, जो पिछले दो सालों से बकाया था. इस बारे में केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा, "केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 2014-15 और 2015-16 का बोनस संशोधित मानदंडों के आधार पर जारी किया जाएगा. यह दो सालों से बकाया था. इसके बाद बोनस को सातवें वेतन आयोग के तहत दिया जाएगा."
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