पीएम मोदी के साथ फिपिक में भाग लेने आए देशों के प्रमुख की तस्वीर (सौजन्य : PTI)
जयपुर: प्रशांत क्षेत्र के 14 द्वीपीय देशों के नेता भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग (एफआईपीआईसी) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए शुक्रवार को गुलाबी नगरी जयपुर पहुंच गए। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इन नेताओं का स्वागत किया। नेताओं के राजस्थान की राजधानी पहुंचने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने अपने स्वागत ट्वीट में कहा, "दिल्ली, आगरा और अब जयपुर।"
गुरुवार को ये नेता ताजमहल का दीदार करने के लिए आगरा गए थे। शिखर सम्मेलन से पहले ये नेता जयपुर का मशहूर आमेर का किला देखने जाएंगे। एफआईपीआईसी में भाग लेने वाले प्रशांत द्वीप के देशों में कुक आईलैंड, टोंगा, तुवालू, नॉरू, किरिबाती, वानुआतू, सोलोमन आईलैंड, समोआ, नियु, पालाऊ, माइक्रोनेशिया, मार्शल आईलैंड, फिजी और पापुआ न्यु गिनी शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामबाग होटल में होने वाले इस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। समाचार एजेंसी एएनआई ने पीएम मोदी और पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री पीटर ओ नील की तस्वीर ट्वीट की है।
वर्ष 2014 में गठित इस मंच का पहला शिखर सम्मेलन फिजी की राजधानी सुवा में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के समय हुआ था। मोदी ने बुधवार को कहा था, "मैं भारत आ रहे सभी नेताओं और प्रतिनिधियों का स्वागत करता हूं। मैं एफआईपीआईसी शिखर सम्मेलन को लेकर काफी आशावान हूं। मुझे भरोसा है कि इससे भारत और प्रशांत द्वीप के देशों के बीच रिश्ते मजबूत होंगे।" पीएम मोदी ने फिजी के प्रधानमंत्री फ्रैंक बैनीमरामा का भी अभिवादन किया। (तस्वीर : ani@twitter)
फिपिक की दूसरी बैठक के लिए जयपुर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह ने गुरुवार को यहां पहुंच कर व्यवस्था का जायजा लिया। शिखर बैठक में भारत नवीकरणीय ऊर्जा, विशेष रूप से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अपने अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने का प्रस्ताव पेश करेगा जो द्वीपसमूह के देशों के स्थाई विकास के लिए विशेष महत्व रखता है।
सूत्रों ने बताया कि शिखर बैठक के मुख्य उद्देश्यों में से एक उद्देश्य इन देशों के साथ भारत के व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देना है। पहली फिपिक शिखर बैठक फिजी के सुवा में नवम्बर 2014 में उस समय हुई थी जब प्रधानमंत्री मोदी वहां द्विपक्षीय यात्रा पर गए थे। उस समय भारत और प्रशांत द्वीप समूह के 14 देशों ने फिपिक का गठन किया।