स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को सुप्रीम कोर्ट की ओर से बड़ी राहत मिली है. शीर्ष अदालत ने फारूकी को अंतरिम जमानत दे दी है. फारूकी को हिंदू देवी-देवताओं के अपमान के आरोप में मध्य प्रदेश पुलिस ने हिरासत में लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने फारूकी की याचिका पर मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने इस आरोप पर नोटिस जारी किया है कि गिरफ्तारी के समय पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय गाइडलाइन का पालन नहीं किया था.
फारूकी को सुप्रीम कोर्ट ने एक और राहत देते हुए यूपी पुलिस की गिरफ्तारी से भी संरक्षण दिया है. उनके खिलाफ यूपी में प्रोडक्शन वारंट पर रोक लगा दी गई है.
फारूकी के वकील ने कोर्ट में कहा कि गिरफ्तारी के दौरान सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों व गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया. सुप्रीम कोर्ट मुनव्वर फारूकी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. मुनव्वर फारूकी ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल करते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के फैसले को चुनोती दी थी, जिसमें हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
बता दें कि 2 जनवरी को हिंदू देवी-देवताओं को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामले में गुजरात के हास्य कलाकार मुनव्वर फारूकी और उनके चार साथियों को गिरफ्तार किया गया था. इंदौर के कैफे मोनरो में 1 जनवरी को उनका कार्यक्रम था. इसको लेकर इंदौर से बीजेपी विधायक और पूर्व मेयर मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ ने शिकायत दर्ज कराई थी.
मुनव्वर फारूकी की कुल दो याचिकाओं पर सुनवाई हुई है. हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने फारुकी और उनके दोस्त नलिन यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि भाईचारे और सद्भावना का प्रचार करना हर नागरिक का संवैधानिक कर्तव्य है. कॉमेडियन पर आरोप है कि उन्होंने अपने शो के दौरान धार्मिक भावनाओं का मजाक उड़ाया था.
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