सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा है कि वह तय हलफ़नामे के मुताबिक ही भर्ती करे
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश में पुलिस में खाली पदों के पूरी तरह भरे जाने तक हर साल 32 हजार पुलिसकर्मियों की भर्तियां होंगी. सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार के रोड मैप को मंजूरी दे दी है. सरकार ने कहा है कि 11376 सब इंस्पेक्टर की भर्ती जनवरी 2018 से शुरू होगी और जनवरी 2023 तक पूरी होगी. हर साल 3200 सब इन्स्पेक्टर की भर्ती होगी. यही नहीं, 101619 सिपाहियों की भारतीय अगस्त 2017 से शुरू होगी जो कि सितंबर 2021 तक पूरी होगी. यानि हर साल 30 हज़ार सिपाहियों की भर्ती होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा है कि वह तय हलफ़नामे के मुताबिक ही भर्ती करे. अगर ऐसा नहीं किया गया तो प्रिंसिपल सेक्टरी होम निजी तौर पर जिम्मेदार होंगे. हर साल की भर्ती शुरू होने से और परिणाम घोषित होने तक पुलिस भर्ती बोर्ड का चेयरमैन नहीं बदला जायेगा.
पुलिसकर्मियों की भर्तियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की और यह आदेश सुनाया. सुनवाई में 6 राज्य यूपी, बिहार, झारखंड, कर्नाटक, तमिलनाडू और पश्चिम बंगाल के बड़े अफसरों को रोडमैप के साथ सुप्रीम कोर्ट ने तलब किया था. CJI खेहर ने कहा था कि यह मामला 2013 से लंबित है लेकिन इन राज्यों में कुछ नहीं हुआ. नोटिस भेजने के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया गया. अब कोर्ट इस मामले पर निगरानी करेगा और भर्तियों पर नजर रखेगा. CJI ने यूपी सरकार से कहा कि है आप लोगों को रोजगार क्यों नहीं देते और इतने पद क्यों खाली हैं. हालांकि यूपी ने कहा कि इसके प्रयास जारी हैं. रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में 151679, बिहार में 34000, झारखंड में 26303, कर्नाटक में 24399, तमिलनाडू में 19803, बंगाल में 37325 पुलिसकर्मियों की रिक्तियां हैं.
देश में पुलिसकर्मियो की भर्ती का मामले में पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के रवैए पर नाराजगी जताई थी. CJI खेहर ने कहा था कि कानून व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए पुलिस के सभी पदों पर नियुक्तियां जरूरी हैं. सभी राज्यों के होम सेकेट्री तीन हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताएं कि पुलिसकर्मियों की नियुक्ति के लिए वो क्या कर रहे हैं? कितने पद खाली हैं? केंद्र सरकार एक हफ्ते के भीतर सभी राज्य सरकारों को कोर्ट का आदेश भेजे. कोर्ट ने चेतावनी दी कि जो राज्य हलफनामा दाखिल नहीं करेंगे उनके होम सेकेट्री कोर्ट में तलब होंगे.
जस्टिस खेहर ने कहा कि 2015 का रिकॉर्ड बताता है कि देश में 4 लाख 33 हजार पुलिसकर्मियों की कमी है. 2014 में छतीसगढ़ का कहना था कि उनके यहां 3800 पद खाली हैं और अब सरकार बता रही है कि 10000 पुलिसकर्मियों की नियुक्ति होनी है. ऐसे में अब सब राज्य कोर्ट को बताएं कि उनके यहां कितने पद खाली हैं और क्या हो रहा है? कोर्ट देश भर की पुलिस के लिए कल्याणकारी योजनाओं के लिए दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है. याचिका में कहा गया है कि सभी सरकारी विभागों के लिए कमिशन बनाए गए हैं और सुविधाएं दी जा रही हैं लेकिन पुलिस को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। देश में करीब 50 फीसदी पुलिसकर्मियों की कमी है और पुलिसवालों के लिए आवास और अन्य सुविधाएं भी नहीं हैं. इसकी वजह से कानून व्यवस्था को बनाए रखने में दिक्कत हो रही है.
चीफ जस्टिस ने चलाई 'एक्स्ट्रा क्लास'
आज सीजेआई जेएस खेहर की एक्स्ट्रा क्लास चली. इसमें यूपी समेत छह राज्यों के टॉप अफसर मौजूद रहे. चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें इतिहास भूगोल नहीं चाहिए, यह बताइए कि पुलिसकर्मियों की रिक्तियां कब पूरी होंगी. कोर्ट 4 बजे के बजाए 5.36 बजे तक चला.
कोर्ट ने झारखंड सरकार से कहा पुलिस पर्याप्त होगी तो क्राइम कम होगा. लोग चिल्लाते हैं ये हो गया, वो हो गया, सब बंद हो जाएगा. पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने कहा कि बजट की कमी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपग्रेडेशन से ज्यादा जरूरी है भर्तियां. अगले सोमवार को मामले की फिर सुनवाई होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा है कि वह तय हलफ़नामे के मुताबिक ही भर्ती करे. अगर ऐसा नहीं किया गया तो प्रिंसिपल सेक्टरी होम निजी तौर पर जिम्मेदार होंगे. हर साल की भर्ती शुरू होने से और परिणाम घोषित होने तक पुलिस भर्ती बोर्ड का चेयरमैन नहीं बदला जायेगा.
पुलिसकर्मियों की भर्तियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की और यह आदेश सुनाया. सुनवाई में 6 राज्य यूपी, बिहार, झारखंड, कर्नाटक, तमिलनाडू और पश्चिम बंगाल के बड़े अफसरों को रोडमैप के साथ सुप्रीम कोर्ट ने तलब किया था. CJI खेहर ने कहा था कि यह मामला 2013 से लंबित है लेकिन इन राज्यों में कुछ नहीं हुआ. नोटिस भेजने के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया गया. अब कोर्ट इस मामले पर निगरानी करेगा और भर्तियों पर नजर रखेगा. CJI ने यूपी सरकार से कहा कि है आप लोगों को रोजगार क्यों नहीं देते और इतने पद क्यों खाली हैं. हालांकि यूपी ने कहा कि इसके प्रयास जारी हैं. रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में 151679, बिहार में 34000, झारखंड में 26303, कर्नाटक में 24399, तमिलनाडू में 19803, बंगाल में 37325 पुलिसकर्मियों की रिक्तियां हैं.
देश में पुलिसकर्मियो की भर्ती का मामले में पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के रवैए पर नाराजगी जताई थी. CJI खेहर ने कहा था कि कानून व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए पुलिस के सभी पदों पर नियुक्तियां जरूरी हैं. सभी राज्यों के होम सेकेट्री तीन हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताएं कि पुलिसकर्मियों की नियुक्ति के लिए वो क्या कर रहे हैं? कितने पद खाली हैं? केंद्र सरकार एक हफ्ते के भीतर सभी राज्य सरकारों को कोर्ट का आदेश भेजे. कोर्ट ने चेतावनी दी कि जो राज्य हलफनामा दाखिल नहीं करेंगे उनके होम सेकेट्री कोर्ट में तलब होंगे.
जस्टिस खेहर ने कहा कि 2015 का रिकॉर्ड बताता है कि देश में 4 लाख 33 हजार पुलिसकर्मियों की कमी है. 2014 में छतीसगढ़ का कहना था कि उनके यहां 3800 पद खाली हैं और अब सरकार बता रही है कि 10000 पुलिसकर्मियों की नियुक्ति होनी है. ऐसे में अब सब राज्य कोर्ट को बताएं कि उनके यहां कितने पद खाली हैं और क्या हो रहा है? कोर्ट देश भर की पुलिस के लिए कल्याणकारी योजनाओं के लिए दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है. याचिका में कहा गया है कि सभी सरकारी विभागों के लिए कमिशन बनाए गए हैं और सुविधाएं दी जा रही हैं लेकिन पुलिस को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। देश में करीब 50 फीसदी पुलिसकर्मियों की कमी है और पुलिसवालों के लिए आवास और अन्य सुविधाएं भी नहीं हैं. इसकी वजह से कानून व्यवस्था को बनाए रखने में दिक्कत हो रही है.
चीफ जस्टिस ने चलाई 'एक्स्ट्रा क्लास'
आज सीजेआई जेएस खेहर की एक्स्ट्रा क्लास चली. इसमें यूपी समेत छह राज्यों के टॉप अफसर मौजूद रहे. चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें इतिहास भूगोल नहीं चाहिए, यह बताइए कि पुलिसकर्मियों की रिक्तियां कब पूरी होंगी. कोर्ट 4 बजे के बजाए 5.36 बजे तक चला.
कोर्ट ने झारखंड सरकार से कहा पुलिस पर्याप्त होगी तो क्राइम कम होगा. लोग चिल्लाते हैं ये हो गया, वो हो गया, सब बंद हो जाएगा. पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने कहा कि बजट की कमी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपग्रेडेशन से ज्यादा जरूरी है भर्तियां. अगले सोमवार को मामले की फिर सुनवाई होगी.
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