तमिलनाडु के उप मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता ओ पन्नीरसेल्वम ने संकेत दिया है कि वैसे तो मुख्यमंत्री ई पलानीसामी पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की करीबी वीके शशिकला (VK Sasikala) के एआईएडीएमके में वापसी से सीधे तौर पर इनकार कर चुके हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि इस पर सोचा जा सकता है. तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के करीब दो हफ्ते पहले सत्तारूढ़ एआईएडीएमके की ओर से ये बड़ा बयान आया है. एआईएडीएमके (AIADMK) के वरिष्ठ नेता और उप मुख्यमंत्री ओ पन्रीरसेल्वम (O Panneerselvam) ने कहा कि पार्टी शशिकला की एआईएडीएमके में वापसी खुले मन से विचार करने को तैयार है.
पन्नीरसेल्वम ने कहा, "वीके शशिकला ने 4 साल जेल में बिताए, लेकिन वह 32 साल तक अम्मा (जयललिता) के साथ रहीं और सेवा की. लिहाजा मानवीय दृष्टि से मैं सोचता हूं कि अगर वह पार्टी के मौजूदा ढांचे (मुख्य संयोजक और उनके उप प्रमुख) को स्वीकार कर लेती हैं, तो हम पार्टी में उनकी वापसी पर सोच सकते हैं.'' शशिकला ने हाल ही में ऐलान किया था कि वह राजनीति से दूर रहेंगी.
इसे पन्नीरसेल्वम के रुख में एकदम यूटर्न माना जा रहा है, जिन्होंने फरवरी 2017 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और धर्मयुद्धम का ऐलान कर जयललिता की समाधि पर धरने पर बैठ गए थे. उन्होंने तब एआईएडीएमके की कमान संभाल रहीं शशिकला की नेतृत्व शैली पर सवाल उठाए थे. पन्नीरसेल्वम ने कहा, पार्टी किसी व्यक्ति या परिवार के लिए कार्य नहीं करती है. उन्होंने ये बात एक तमिल टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कही.
पन्नीरसेल्वम ने स्पष्ट किया कि उन्हें शशिकला के खिलाफ गुस्सा या निराशा नहीं है. शशिकला ने यहां तक दावा किया कि अम्मा की समाधि पर धरने पर बैठने के दौरान भी उन्होंने शशिकला पर संदेह नहीं किया था. साथ ही पन्नीरसेल्वम ने शशिकला और उनके भतीजे टीटीवी दिनाकरन के प्रति सम्मान भी जताया, जिन्होंने 20 साल पहले जयललिता से उनकी सिफारिश की थी और उनके पार्टी में आगे बढ़ने में उनका अहम योगदान रहा. पन्नीरसेल्वम दिनाकरन की जगह 2017 में एआईएडीएमके के कोषाध्यक्ष बने थे.
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