सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
110 करोड़, मी लार्ड 120 करोड़, 150 करोड़... इसी तरह की नीलामी की बोली आपने अक्सर देखी होगी, खासकर फिल्मों में, लेकिन इसी तरह की बोली सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में लगी।
सहारा चीफ सुब्रत राय भले ही जेल में हों, लेकिन उनकी प्रॉपर्टी को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट में नजारे बदल गए हैं। गोरखपुर की एक जमीन को लेकर बाकायदा सुप्रीम कोर्ट में दो कंपनियों ने नीलामी की तरह बोली लगाई।
प्रॉपर्टी की कीमत 64 करोड़ से बढ़ते-बढ़ते 150 करोड़ तक जा पहुंची है। सोमवार को कोर्ट रूम में गोरखपुर की 46 एकड़ जमीन को खरीदने के लिए बकायदा जजों के सामने शुरू हुई बोली 64 करोड़ से 150 करोड़ तक जा पहुंची।
दरअसल, पहले समृद्धि डेवलपर ने 64 करोड़ रुपये का दाम लगाया था, लेकिन गोरखपुर रीयल एस्टेट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दांव 110 करोड़ का कर दिया।
याचिका में वकील कामिनी जयसवाल ने कहा कि उनके हिसाब से इस जमीन की कीमत करीब 194 करोड़ रुपये बनती है, लेकिन वो 110 करोड़ में खरीदने को तैयार हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 11 करोड़ रुपये जमा कराने को कहा था। सोमवार को जब सुनवाई शुरू हुई तो समृद्धि ग्रुप भी 110 करोड़ देने को तैयार हो गया।
इसके बाद गोरखपुर रीयल एस्टेट ने 120 करोड़ की बोली लगा दी। बढ़ते-बढ़ते मामला 150 करोड़ का हो गया, जो दोनों कंपनियां देने को तैयार हैं। इस बोली से उत्साहित सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को 31 जुलाई तक 25 फीसदी रकम जमा कराने को कहा। कोर्ट इस मामले की सुनवाई 3 अगस्त को करेगा।
बेंच की अगुवाई कर रहे जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा कि लग रहा है कि इस जमीन की अभी और कीमत भी मिल सकती है। उन्होंने साफ किया कि अगर बाद में दोनों में से कोई भी कंपनी पीछे हटती है तो सारी रकम जब्त कर ली जाएगी।
सहारा चीफ सुब्रत राय भले ही जेल में हों, लेकिन उनकी प्रॉपर्टी को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट में नजारे बदल गए हैं। गोरखपुर की एक जमीन को लेकर बाकायदा सुप्रीम कोर्ट में दो कंपनियों ने नीलामी की तरह बोली लगाई।
प्रॉपर्टी की कीमत 64 करोड़ से बढ़ते-बढ़ते 150 करोड़ तक जा पहुंची है। सोमवार को कोर्ट रूम में गोरखपुर की 46 एकड़ जमीन को खरीदने के लिए बकायदा जजों के सामने शुरू हुई बोली 64 करोड़ से 150 करोड़ तक जा पहुंची।
दरअसल, पहले समृद्धि डेवलपर ने 64 करोड़ रुपये का दाम लगाया था, लेकिन गोरखपुर रीयल एस्टेट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दांव 110 करोड़ का कर दिया।
याचिका में वकील कामिनी जयसवाल ने कहा कि उनके हिसाब से इस जमीन की कीमत करीब 194 करोड़ रुपये बनती है, लेकिन वो 110 करोड़ में खरीदने को तैयार हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 11 करोड़ रुपये जमा कराने को कहा था। सोमवार को जब सुनवाई शुरू हुई तो समृद्धि ग्रुप भी 110 करोड़ देने को तैयार हो गया।
इसके बाद गोरखपुर रीयल एस्टेट ने 120 करोड़ की बोली लगा दी। बढ़ते-बढ़ते मामला 150 करोड़ का हो गया, जो दोनों कंपनियां देने को तैयार हैं। इस बोली से उत्साहित सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को 31 जुलाई तक 25 फीसदी रकम जमा कराने को कहा। कोर्ट इस मामले की सुनवाई 3 अगस्त को करेगा।
बेंच की अगुवाई कर रहे जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा कि लग रहा है कि इस जमीन की अभी और कीमत भी मिल सकती है। उन्होंने साफ किया कि अगर बाद में दोनों में से कोई भी कंपनी पीछे हटती है तो सारी रकम जब्त कर ली जाएगी।
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