Mukesh Ambani bomb scare case : मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र के गृह विभाग को रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें खुलासा हुआ है कि सचिन वाजे (Sachin Waze) की क्राइम ब्रांच में नियुक्ति खुद तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह (Param Bir Singh) ने कराई थी और वाजे उन्हे सीधे रिपोर्ट किया करता था. एसीपी संजय पाटिल ने भी मुंबई पुलिस के जॉइंट कमिश्नर क्राइम को दिए जवाब में वसूली की बात होने से इनकार किया है. गौरतलब है कि रिलायंस चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर के बाहर लावारिस कार में विस्फोटक रखने के मामले में सचिन वाजे को गिरफ्तार किया गया था.उसके बाद मनसुख हिरेन की हत्या और अन्य मामलों में भी उसकी संलिप्तता पाई गई.
अनिल देशमुख SC पहुंचे तो CBI ने उठाया ये कदम, जांच खारिज करने की अपील में आ सकती है रुकावट
बुधवार को पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह जब NIA दफ़्तर की सीढ़ियां चढ़ रहे थे, उसी समय मुंबई पुलिस की गृह विभाग को दी गई एक रिपोर्ट वायरल हुई. रिपोर्ट के मुताबिक, सचिन वाजे को 8 जून 2020 को मुम्बई पुलिस के आर्म्ड फोर्स में नियुक्ति दी गई. लेकिन उसी दिन पुलिस स्टैबलिशमेंट की मीटिंग कर वाजे को क्रिमिनल इंटेलिजेंस यूनिट में पोस्टिंग देने का फ़ैसला किया गया. पत्र में ये भी दावा किया गया है कि तत्तकालीन जॉइंट सीपी क्राइम ने तब वाजे की नियुक्ति का विरोध किया था लेकिन पुलिस आयुक्त के दबाव में उंन्हे आदेश मानना पड़ा.
सचिन वाजे पर शिकंजा : मीठी नदी से मिली नंबर प्लेट वाली कार का CCTV एनआईए के हाथ लगा
पत्र में आगे लिखा गया है कि वाजे क्राइम ब्रांच में अपने बड़े अफसरों को रिपोर्ट ना कर सीधे मुम्बई पुलिस आयुक्त को करता था और किसे गिरफ्तार करना है ? किसे गवाह बनाना है और कहां छापा मारना है सब ब्रीफिंग उन्ही से लेता था. बुधवार को ही एसीपी संजय पाटिल और डीसीपी राजू भुजबल का जॉइंट सीपी मिलिंद भारम्बे को दिए बयान भी सार्वजनिक हुए जिसमें दोनों ने गृहमंत्री अनिल देशमुख की तरफ बार और पब से वसूली के आदेश की बात से इनकार किया है. गौरतलब है कि परमबीर सिंह मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में एसीपी संजय पाटिल ने अपनी मोबाइल चैट को सबूत के तौर पर जोड़ा था.
वहीं दोपहर बाद एक और लेटर धमाका हुआ.सचिन वाजे की हैंडराइटिंग में लिखे 3 पेज के लेटर में अनिल देशमुख के साथ सेना के मंत्री अनिल परब पर भी उससे एक मामले के सेटलमेंट के एवज में 50 करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगाया है. हालांकि वाजे ने NIA कोर्ट में पत्र नही दिया. सचिन वाजे के पत्र पर मंत्री अनिल परब ने सफाई दी. परब ने कहा, मैं किसी भी जांच के सामने जाने को तैयार हूं. मेरे ऊपर झूठा आरोप लगाया है.
इधर, NIA ने बुधवार को पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा से भी लंबी पूछताछ की. एंटीलिया केस में अदालत ने एक तरफ जहां साजिश के आरोपी सचिन वाजे की NIA रिमांड 9 अप्रैल तक बढ़ा दी है वहीं मनसुख हिरेन की हत्या के आरोप में गिरफ्तार पूर्व पुलिस सिपाही विनायक शिंदे और बुकी नरेश गौर को जेल हिरासत में भेज दिया है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं