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This Article is From Jul 15, 2020

सचिन पायलट को लेना होगा थोड़ा वक्त, पार्टी में किसी बड़े रोल के लिए करना होगा इंतज़ार: कांग्रेस सूत्र

पायलट के संपर्क में बने हुए पार्टी के कुछ बड़े नेताओं का कहना है कि पायलट को पार्टी की ओर से कोई जगह देने पर फैसला लेने तक लगभग एक महीने तक 'Me Time' लेना पड़ सकता है. यानी पार्टी इस वक्त में उन्हें काम-काज से छुट्टी दे सकती है.

सचिन पायलट को लेना होगा थोड़ा वक्त, पार्टी में किसी बड़े रोल के लिए करना होगा इंतज़ार: कांग्रेस सूत्र
सचिन पायलट की 'घर वापसी' पर क्या है कांग्रेस का प्लान? (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी में कोई जगह पाने के लिए सचिन पायलट (Sachin Pilot) को थोड़ा वक्त लेना होगा. पायलट के बगावत के चलते राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) में मचे घमासान के दौरान पायलट के संपर्क में बने हुए पार्टी के कुछ बड़े नेताओं का कहना है कि पायलट को पार्टी की ओर से कोई जगह देने पर फैसला लेने तक लगभग एक महीने तक 'Me Time' लेना पड़ सकता है. यानी पार्टी इस वक्त में उन्हें काम-काज से छुट्टी दे सकती है. पायलट को पार्टी में किसी बड़े रोल के लिए भी थोड़ा इंतज़ार करना पड़ सकता है.

बिना किसी शर्त के 'घरवापसी'

बता दें कि पायलट ने बुधवार को NDTV से बातचीत में कहा कि वो बीजेपी में कभी नहीं जाएंगे, जिसके बाद माना जा रहा है कि उनके प्रति पार्टी का रुख थोड़ा नरम हुआ है. पार्टी में पायलट की आगे की रणनीति में अहम भूमिका निभा रहे इस कांग्रेस नेता ने बताया कि 'पायलट को राष्ट्रीय स्तर पर कोई अहम भूमिका दी जा सकती है. लेकिन यह तुरंत-तुरंत होना मुश्किल है. इसके लिए कम से कम एक महीने का समय लगेगा, तब तक यह मामला शांत हो सके.' सोनिया गांधी के करीबी सहयोगी माने जाने वाले इस कांग्रेस नेता ने कहा कि यह अहम है कि सचिन पायलट बिना किसी शर्त के 'पार्टी में लौटें'.

बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सचिन पायलट और बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में बीजेपी ने हथियार डाल दिए हैं और उसकी साजिश नाकाम हो गई है. सुरजेवाला ने पायलट पर उनके समर्थन में उतरे विधायकों को लेकर तंज कसते हुए कहा, 'हमने कहा कि आपको कांग्रेस से प्यार है तो जहां जिस होटल में आप हैं वहां कहिए कि आप कांग्रेस से प्यार करते हैं. हमने पांच दिन के इंतज़ार के बाद कल कार्रवाई की. मीडिया के माध्यम से कहा कि वो बीजेपी में नहीं जाना चाहते. तो मैं कहता हूं कि आप हरियाणा की खट्टर सरकार के चंगुल से बाहर आइए. आईटीसी ग्रांड और लेमन ट्री से बाहर निकलिए. सबको हरियाणा पुलिस के चंगुल से छुड़वाइए. बीजेपी से हर तरह की बातचीत खत्म करिए और अपने घर जयपुर आ जाइए.' 

क्यों नरम पड़े हैं सचिन पायलट?

बता दें कि बुधवार की सुबह खबर आई थी कि पार्टी ने पायलट सहित बाकी सभी बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, इसके लिए स्पीकर ने इन्हें नोटिस भी भेज दिया था. इन सभी विधायकों को 'पार्टी-विरोधी गतिविधियों' के आरोपों पर शुक्रवार तक जवाब देने को कहा गया था. बुधवार को NDTV से बातचीत में पायलट ने कहा कि वो अभी भी कांग्रेस के सदस्य हैं. हालांकि, इसके पहले पार्टी ने मंगलवार को उन्हें डिप्टी सीएम के पद से हटा दिया था, वहीं उनसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया था. 

कहा जा सकता है कि पार्टी की कार्रवाई के बीच अशोक गहलोत के खेमे की मजबूती ने भी पायलट को नरम पड़ने पर मजबूर किया होगा. उनकी बातचीत से लगा कि वो कांग्रेस में बने रहने के लिए मान सकते हैं. हालांकि, पार्टी ने साफ किया है कि वो उन्हें पार्टी में बनाए रखने की इच्छा रखती है लेकिन वो गहलोत को हटाकर उन्हें सीएम बनाने की उनकी मांग को नहीं मान सकती.

पायलट से बातचीत कर रहे कांग्रेस नेता ने नाम ज़ाहिर न करने की शर्त पर बताया कि 'गहलोत सरकार पर खतरा कम हो गया है.' मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक करीबी सूत्र ने बताया कि गहलोत खेमे में 109 विधायकों का समर्थन है, जबकि उन्हें बहुमत साबित करने के लिए 101 विधायकों की जरूरत है. वहीं, राजस्थान बीजेपी के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की ओर से भी बयान आया कि पार्टी गहलोत सरकार से 'अभी' फ्लोर टेस्ट की मांग नहीं करेगी. 

पिछले 24 घंटों में पायलट और कांग्रेस ने इस बगावत की खाई को पाटने की कोशिश में पायलट की गांधी परिवार से करीबी और उनके साझा मूल्यों का सहारा लेकर पूरे मामले को सुलझाने की कोशिश की है.

Video: बिना शर्त के वापसी करें सचिन पायलट: कांग्रेस सूत्र

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