केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की संविधान पीठ ने सोमवार को सुनवाई की. संविधान पीठ ने साफ कर दिया कि वह 5 जजों की बेंच ने जो रिफरेंस भेजा है, हम उसी के बाबत ही सुनवाई करेंगे. CJI ने यह भी कहा कि जब रिफरेंस पर फैसला दे देंगे उसके बाद सबरीमला मामले में दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करेंगे. सबरीमाला समेत दूसरे धर्मों में महिलाओं के मामले में वकील राजीव धवन ने व्यक्तिगत तौर पर बहस करने की इजाजत कोर्ट से मांगी थी. जिस पर बेंच ने साफ कहा कि इस मामले में बहस करने के लिए एक समय सीमा तय की जाएगी. कोर्ट ने कहा कि हम नही चाहते कि दलीलों की पुनरावृत्ति हो, इसलिए सभी वकील आपस में बातचीत कर ये तय करे कि कौन कौन बहस करेगा और कितनी देर?
सबरीमाला का द्विमासिक त्योहार शुरू, भगवान अयप्पा के दर्शनों के लिए लगा श्रद्धालुओं का तांता
सुप्रीम कोर्ट ने 9 जजों की पीठ ने साफ़ किया कि वो सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश को लेकर के साथ साथ मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश, एक गैर-पारसी से शादी करने वाली पारसी महिलाओं को 'अगियारी' में प्रवेश पर रोक और दाउदी बोहरा समुदाय के बीच महिलाओं के खतना की परंपरा पर भी विचार करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षों को तीन हफ्ते का समय दिया जाएगा ताकि पीठ द्वारा सुनवाई के लिए मुद्दों व सवालों को तय किया सके. दअरसल SG तुषार मेहता ने कहा कि क्या कोर्ट बहुविवाह मामले पर भी सुनवाई करेगा. - तब कोर्ट ने कहा कि वो केवल उन पहलुओं पर सुनवाई करेगा जो उनके पांच जजों की संविधान पीठ ने भेजे है.
सबरीमाला विवाद: अमित शाह का केरल सरकार पर हमला- कितनी मस्जिदों से हटाए गए लाउडस्पीकर?
CJI जस्टिस बोबड़े ने कहा कि ये सदियों पुराना विवाद है और इसका समाधान होना चाहिए, इसका निपटारा पहले होना चाहिए इसलिए हम चाहते है कि मामले की सुनवाई क्रम के अनुसार हो. वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता को प्रतिबंधित नही किया जा सकता, ये कोर्ट का काम नही कि वो बताये की मेरा धर्म क्या है और हम अपने धर्म का अनुसरण कैसे करें? CJI जस्टिस बोबड़े ने कहा कि आपके आपत्ति में कोई मैरिट नही है, हम मामले की सुनवाई जारी रखेंगे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं