नासिक कुंभ मेला (फाइल फोटो)
नासिक:
महाराष्ट्र के नासिक में सिंहस्थ कुंभ के दौरान साध्वियों को अपना अखाड़ा और शाही स्नान के लिए जगह चाहिए। प्रशासन ने उन्हें शाही स्नान के दौरान अलग जगह मुहैया कराने की रज़ामंदी दिखाई है, लेकिन फिलहाल उन्हें अलग से जगह दी नहीं गई है।
नासिक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और त्र्यंबकेश्वर में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पारंपरिक ध्वज फहरा कर कुंभ की शुरुआत की थी। 25 सितंबर तक चलने वाला आस्था के इस महाकुंभ में महिलाएं अब भी बराबरी के लिए लड़ रही हैं।
महिला साध्वी अलग अखाड़े और शाही स्नान के लिए जगह की मांग लेकर प्रशासन के सामने हैं। साध्वी त्रिकालु भवंत ने इस मुद्दे पर ज़िला कलेक्टर से मुलाकात करने के बाद कहा, 'धार्मिक आयोजनों में महिलाएं बड़ी तादाद में आती हैं, उन्हें भी बराबरी का अधिकार मिलना चाहिए। अगर साधुओं को अलग जगह मिल सकती है तो हमें क्यों नहीं।'
अखाड़ा आयोजन स्थल पर अस्थायी टेंट लगते हैं जहां साधु लंगर, प्रार्थना और दूसरे धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। साध्वी चाहती हैं, उन्हें अलग से ज़मीन के अलावा सुरक्षा भी मिले, प्रशासन मांग पर सोच रहा है लेकिन अभी साध्वियों को ज़मीन मिली नहीं है।
ज़िला कलेक्टर दीपेंद्र कुशवाहा ने कहा, 'साध्वियों की मांग पूरी की जाएगी उन्हें अलग से जगह देने के बारे में हम सोच रहे हैं।' 12 साल बाद होने वाले कुंभ मेले की बड़ी धार्मिक अहमियत है। कुंभ में स्नान के लिए देश भर से लोग नासिक और त्रयंबकेश्वर पहुंच रहे हैं।
नासिक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और त्र्यंबकेश्वर में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पारंपरिक ध्वज फहरा कर कुंभ की शुरुआत की थी। 25 सितंबर तक चलने वाला आस्था के इस महाकुंभ में महिलाएं अब भी बराबरी के लिए लड़ रही हैं।
महिला साध्वी अलग अखाड़े और शाही स्नान के लिए जगह की मांग लेकर प्रशासन के सामने हैं। साध्वी त्रिकालु भवंत ने इस मुद्दे पर ज़िला कलेक्टर से मुलाकात करने के बाद कहा, 'धार्मिक आयोजनों में महिलाएं बड़ी तादाद में आती हैं, उन्हें भी बराबरी का अधिकार मिलना चाहिए। अगर साधुओं को अलग जगह मिल सकती है तो हमें क्यों नहीं।'
अखाड़ा आयोजन स्थल पर अस्थायी टेंट लगते हैं जहां साधु लंगर, प्रार्थना और दूसरे धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। साध्वी चाहती हैं, उन्हें अलग से ज़मीन के अलावा सुरक्षा भी मिले, प्रशासन मांग पर सोच रहा है लेकिन अभी साध्वियों को ज़मीन मिली नहीं है।
ज़िला कलेक्टर दीपेंद्र कुशवाहा ने कहा, 'साध्वियों की मांग पूरी की जाएगी उन्हें अलग से जगह देने के बारे में हम सोच रहे हैं।' 12 साल बाद होने वाले कुंभ मेले की बड़ी धार्मिक अहमियत है। कुंभ में स्नान के लिए देश भर से लोग नासिक और त्रयंबकेश्वर पहुंच रहे हैं।
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