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This Article is From Sep 16, 2020

रूस की कोरोना वैक्सीन Sputnik-V के भारत में ट्रायल के लिए RDIF और Dr Reddy's Lab आए साथ

रूस के कोरोनावायरस वैक्सीन Sputnik-5 का भारत में तीसरे चरण का ट्रायल डॉक्टर रेड्डी लैबोरेटरी लिमिटेड करेगी. RDIF और डॉक्टर रेड्डीज लैबोरेट्रीज के बीच इसकी सहमति बनी है.

रूस की कोरोना वैक्सीन Sputnik-V के भारत में ट्रायल के लिए RDIF और Dr Reddy's Lab आए साथ
रूस के कोविड-19 वैक्सीन का भारत में क्लीनिकल ट्रायल देखेगा Dr. Reddy's Lab.
नई दिल्ली:

रूस के कोरोनावायरस वैक्सीन Sputnik-V का भारत में तीसरे चरण का ट्रायल ग्लोबल फार्मास्यूटिकल कंपनी डॉक्टर रेड्डी लैबोरेटरी लिमिटेड (Dr. Reddy's Laboratory Limited) करेगी. Russian Direct Investment Fund (RDIF) और डॉक्टर रेड्डीज लैबोरेट्रीज (DRL) के बीच इसकी सहमति बनी है. डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज लिमिटेड ही रूस की कोरोना वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल और डिस्ट्रीब्यूशन करेगी. रेगुलेटरी अप्रूवल मिलने के बाद RDIF, DRL को वैक्सीन के 10 करोड़ डोज़ देगा.

ट्रायल कामयाब रहने और भारतीय अथॉरिटी की तरफ से व्यक्ति रजिस्ट्रेशन के बाद वैक्सीन की डिलीवरी 2020 के आखिर तक होना शुरू हो सकती है. रूस की इस बहुचर्चित वैक्सीन का अभी क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है. 

बता दें कि अभी पिछले हफ्ते ही नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि रूस ने अपने वैक्सीन का भारत में ट्रायल करने के लिए आग्रह किया है. इसपर 3-4 कंपनियों ने रिस्पॉन्स भी किया है. उन्होंने इसे सबके लिए विन-विन सिचुएशन बताया था.

इसके पहले (RDIF) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) किरिल दिमित्रेव ने भी कहा था कि रूस इसी महीने से भारत में में अपने वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल शुरू करेगा. उन्होंने बताया था कि सउदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फिलिपींस, भारत और ब्राजील में वैक्सीन का क्लीनिल ट्रायल सिंतबर से करने की योजना है. 

यह भी पढ़ें: COVID-19 वैक्सीन के लिए साथ आए ऑरोबिंदो फार्मा और CSIR, मैन्युफैक्चरिंग की तैयारियां शुरू

बता दें कि रूस ने पिछले महीने अपना वैक्सीन बन जाने की घोषणा की थी. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसका ऐलान करते हुए यह भी बताया था कि पहला डोज़ उनकी बेटी को दिया गया है और वह अच्छा महसूस कर रही हैं. रूस ने इस वैक्सीन का नाम अपने एक सैटेलाइट के नाम पर रखा है. रूस ने इसे लेकर दावा किया है कि इस वैक्सीन से शरीर में कोविड-19 के खिलाफ स्थायी इम्यूनिटी विकसित हो जाएगी. वहीं, महीने की शुरुआत में Lancet में एक रिसर्च छपी थी, जिसमें कहा गया कि यह वैक्सीन मरीजों पर शुरुआती टेस्ट में सुरक्षित पाई गई है और उनमें बिना किसी रिएक्शन या उलटा असर दिखे एंटीबॉडीज़ विकसित हो गई थी. 

Video: लैंसेट की स्टडी में दावा, 'सुरक्षित है रूस की कोरोनावायरस वैक्सीन'

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