नई दिल्ली:
सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) की धार को कम करने की बहस के बीच केंद्रीय मंत्री विलास राव देशमुख का मानना है कि सरकारी फाइलों तक आसान पहुंच के चलते अधिकारी उन मुद्दों पर अपना मत देने में भय महसूस करने लगे हैं और इस मुद्दे पर गौर किया जाना चाहिए। केंद्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी और भू विज्ञान मंत्री देशमुख ने कहा, आरटीआई ने दायरा बहुत बढ़ा दिया है। कुछ भी गोपनीय नहीं बचा है। मंत्रिमंडल के फैसलों से लेकर अधिकारी जो विचार देते हैं, सब कुछ इस अधिकार के माध्यम से देखे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आरटीआई के उदार इस्तेमाल ने अधिकारियों के बीच किसी भी मुद्दे पर अपना मत देने में भय पैदा कर दिया है। मंत्री के मुताबिक, इसके चलते अधिकारी किसी भी फाइल पर अपना मत दर्ज कराने में आशंकित होने लगे हैं। एक संयुक्त सचिव को किसी अवर सचिव के मतों को नामंजूर करने का अधिकार है, पर अब एक संयुक्त सचिव तक भी कोई भी फाइल नोटिंग देने के पहले 10 बार सोचता है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को डर लगने लगा है कि उनके फैसले पर सवाल उठाए जाएंगे और उन्हें स्पष्टीकरण देने के लिए बुला लिया जाएगा।