RSS on Babri Demolition Case: सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया. इस बहुप्रतीक्षित फैसले पर आरएसएस ने भी खुशी जताई है. ट्विटर के माध्यम से इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आरएसएस के सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा कि सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा विवादास्पद ढांचे के विध्वंस मामले में आरोपित सभी दोषियों को ससम्मान बरी करने के निर्णय का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्वागत करता है.
सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा विवादास्पद ढाँचे के विध्वंस मामले में आरोपित
— RSS (@RSSorg) September 30, 2020
सभी दोषियों को ससम्मान बरी करने के निर्णय का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्वागत
करता है।
- सुरेश (भय्याजी) जोशी, सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ pic.twitter.com/l0aB6wtq27
विशेष अदालत के न्यायाधीश एस.के. यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी. यह एक आकस्मिक घटना थी. उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी. विशेष CBI अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने 16 सितंबर को इस मामले के सभी 32 आरोपियों को फैसले के दिन अदालत में मौजूद रहने को कहा था. हालांकि वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और सतीश प्रधानअलग-अलग कारणों से न्यायालय में हाजिर नहीं हो सके.
बता दें कि कल्याण सिंह बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के वक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय भी इस मामले के आरोपियों में शामिल थे. मामले के कुल 49 अभियुक्त थे, जिनमें से 17 की मृत्यु हो चुकी है.
इनपुट एजेंसी भाषा से भी
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