गोवा विधानसभा के उपाध्यक्ष विष्णु सूर्य वाग (फाइल फोटो)
पणजी:
गोवा विधानसभा के उपाध्यक्ष विष्णु सूर्य वाग का कहना है कि सत्तारूढ़ दल का सदन में विपक्ष के विचारों के प्रति सहिष्णुता का स्तर समय के साथ कम हुआ है। वाग के मुताबिक 'विधानसभा में जिस प्रकार बहस होती है, उससे मैं खुश नहीं हूं। सत्ता पक्ष और विपक्ष एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। लोकतंत्र के सिक्के के दो पहलू। विपक्ष की आवाज सुनी जाती है और विपक्ष का काम सरकार की गलतियों की ओर ध्यान दिलाना है।’ वाग कहते हैं कि विपक्ष खामियां बता सकता है। सत्तारूढ़ दल को उसकी गलतियां बताने के विपक्ष के अधिकार का सम्मान करना चाहिए। यह सहिष्णुता धीरे धीरे कम हुई है।
कैमरे के लिए शोर करते हैं
भाजपा विधायक वाग गोवा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन के उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए वाग के पूर्ववर्ती अनंत शेट ने इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद वाग इस पद पर निर्वाचित हुए। शेट विधानसभा अध्यक्ष चुने गए हैं। अपनी बात पूरी करते हुए वाग ने कहा ‘कुछ विपक्षी सदस्य सदन में केवल शोर करते हैं जबकि कुछ विपक्षी दल सदन में अपनी व्यवस्था इस तरह करते हैं कि जब भी विपक्ष मुंह खोलता है तो उनकी हल्ला गुल्ला ब्रिगेड समस्या शुरू कर देती है। यह उचित नहीं है। आपको बहस शांति से सुननी चाहिए।’
विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा में आए दिन व्यवधान होता है जिसका असर गोवा विधानसभा में भी महसूस किया गया है। उन्होंने कहा ‘विधायक देखते हैं कि हल्ला करने वालों को अखबारों में ज्यादा जगह मिलती है जबकि व्यापक शोध करने वालों के साथ ऐसा नहीं होता।’ वाग ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही के सीधे प्रसारण से भी सदन के कामकाज पर असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि मीडिया का महत्व देखते हुए विधायक अब कैमरे के लिए बोलते हैं। वह अपने राज्य के लोगों के लिए नहीं बोलते।
कैमरे के लिए शोर करते हैं
भाजपा विधायक वाग गोवा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन के उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए वाग के पूर्ववर्ती अनंत शेट ने इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद वाग इस पद पर निर्वाचित हुए। शेट विधानसभा अध्यक्ष चुने गए हैं। अपनी बात पूरी करते हुए वाग ने कहा ‘कुछ विपक्षी सदस्य सदन में केवल शोर करते हैं जबकि कुछ विपक्षी दल सदन में अपनी व्यवस्था इस तरह करते हैं कि जब भी विपक्ष मुंह खोलता है तो उनकी हल्ला गुल्ला ब्रिगेड समस्या शुरू कर देती है। यह उचित नहीं है। आपको बहस शांति से सुननी चाहिए।’
विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा में आए दिन व्यवधान होता है जिसका असर गोवा विधानसभा में भी महसूस किया गया है। उन्होंने कहा ‘विधायक देखते हैं कि हल्ला करने वालों को अखबारों में ज्यादा जगह मिलती है जबकि व्यापक शोध करने वालों के साथ ऐसा नहीं होता।’ वाग ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही के सीधे प्रसारण से भी सदन के कामकाज पर असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि मीडिया का महत्व देखते हुए विधायक अब कैमरे के लिए बोलते हैं। वह अपने राज्य के लोगों के लिए नहीं बोलते।
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