'गई भैंस पानी में...', 'अक्ल बड़ी या भैंस...' या 'मेरी भैंस को डंडा क्यों मारा...' जैसे जुमले ठेठ बोलचाल में सुनने को मिलते रहे हैं, लेकिन आज भैंस के दिन लद गए लगते हैं... भैंस की किस्मत देखिए... सड़कों और मैदानों में मंडराने वाली भैंसें आज हवाई अड्डे में विमानों के सामने इतरा रही हैं...
वैसे, बेचारी भैंस का क्या कसूर, उसे क्या पता कि सामने 140 लोगों को लिए विमान टेक ऑफ के लिए तैयार है... मटरगश्ती करती इन भैंसों को तो बस खुला मैदान चाहिए... रन-वे खाली था, कोई रोक-टोक नहीं थी, सो, जहां दिल चाहा, घुस गई... विमान की फिक्र करना इनकी ड्यूटी नहीं... जिनकी ड्यूटी है, वे कल रात से पहले तक आंखें मूंदे रहे या अनजान बनकर बैठे हुए थे...
अभी तक एयरपोर्ट की सुरक्षा इन अधिकारियों के लिए भैंस के आगे बीन बजाने जैसा था... आज भैंसों के ही चलते पोल खुली तो दिल्ली से डंडा पड़ा... अभी तक बेचारी भैंसें ही डंडे खाती थीं, लेकिन आज इन अधिकारियों को भी पता लगा भैंसों का दर्द... भैंसें इस कारनामे के चलते सोशल मीडिया की मदद से चर्चा का विषय क्या बनीं, मंत्री जी के कान खड़े हो गए... मंत्री जी के हरकत में आने से पूरा महकमा हिल गया...
चलो, धन्यवाद दो भैंसों को, कम से कम यात्रियों और रन-वे की सुरक्षा पर गौर तो हुआ... अब भैंसों के चर्चे के जरिये एक नज़र पूरे माजरे पर... बीती रात सूरत हवाई अड्डे के रन-वे पर तीन भैंसें पाई गईं, लेकिन अंधेरे के चलते पकड़ में नहीं आईं...
फिर स्पाइस जेट के विमान संख्या एसजी-622 की उड़ान से ऐन पहले एक भैंस विमान के इंजन से टकरा गई, जिससे इंजन को भारी नुकसान पहुंचा... पायलट ने वहीं ब्रेक लगाए और एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया... इस विमान में सवार 140 यात्रियों तथा छह क्रू मेंबर्स को भी कोई चोट नहीं पहुंची, लेकिन भारी असुविधा का सामना ज़रूर करना पड़ा... रात को 10 बजकर 55 मिनट पर स्पाइस जेट का दिल्ली से भेजा गया एक विशेष विमान यात्रियों को लेकर दिल्ली के लिए चला...
बाद में स्पाइस जेट ने सूरत से सभी विमानों पर रोक लगा दी... घटना को गंभीरता से लेते हुए सिविल एविएशन मंत्री अशोक गजपति राजू ने उच्चस्तरीय बैठक कर दो स्तरों पर जांच के आदेश दिए, जिनमें से एक जांच डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन, और दूसरी एयरपोर्ट अथॉरिटी करेगी...
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